टीवी शो में पाकिस्तानी कलाकारों को मौका देने का मामला अब गरमाता जा रहा है. राज ठाकरे ने आशा भोंसले को एक चिट्ठी लिखकर बाकायदा ये नसीहत दी थी कि वो ऐसे किसी भी शो से बचें, जिसमें पाकिस्तानी कलाकारों को बुलाया जा रहा है.
इसपर आशा भोंसले ने टका सा जवाब दिया था कि भारत में अतिथि देवो भव. जाहिर है, राज को ये जवाब पसंद नहीं आया और अब उन्होंने एक नया हमला बोला है. राज ठाकरे ने कहा है कि अगर पाकिस्तान से हो रहे हमलों के बावजूद आशा भोंसले के लिए वो अतिथि देवो भव हैं, तो फिर कसाब को भी वो अतिथि देवो भव क्यों नहीं मान लेती हैं.
राज ने निशाना साधते हुए कहा है कि मामला अतिथि देवो भव का नहीं, पैसा देवो भव का है. असल में राज ठाकरे ने गुरुवार को ही आशा भोंसले को चिट्ठी लिखी थी कि वो ऐसे शो में ना जाएं, जहां पाकिस्तानी कलाकार आते हों. लेकिन आशा भोंसले ने चिट्ठी को ये कहकर खारिज कर दिया था कि इस देश में जो मेहमान हैं, वो उनके स्वागत के लिए हमेशा खड़ी रहेंगी.
सवाल यही उठता है कि क्या भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के प्रदर्शन पर बैन लगना चाहिए? एमएनएस ने मोर्चा खोला और फिर सुना दिया सबको अपना फरमान कि खबरदार कोई भी ना जाना पाक कलाकारों वाले शो में. राज के इस मोर्चे में चाचा की पार्टी शिवसेना भी साथ हो गई.
क्या पाकिस्तानी कलाकारों के भारत आने पर बैन लगना चाहिए?
टेलीविजन के रियलिटी शो में पाकिस्तानी कलाकारों की भागीदारी एक बार फिर बड़ा विवाद बनकर सामने आई है. इस बार निशाने पर है 8 सितंबर से कलर्स और सहारा वन पर एक साथ शुरू होने वाला रियलिटी म्यूजिक शो सुर क्षेत्र. इस शो में पाकिस्तान के कलाकारों की एंट्री पर महाराष्ट्र नव निर्माण सेना ने कड़ी आपत्ति जताई है.
एमएनएस ने आशा भोंसले से अपील की है कि अगर शो में पाकिस्तानी कलाकार शरीक होते हैं तो वो प्रोग्राम में जज बनकर ना जाएं. खास बात ये है कि एमएनएस की इस मुहिम में शिव सेना भी साथ हो गई है. शिव सेना ने तो यहां कह दिया कि वो पाक क्रिकेटरों को भी भारत नहीं आने देंगे. रियलिटी म्यूजिक शो में पाक कलाकारों पर एमएनएस की आपत्ति सामने आने के बाद निर्माता बोनी कपूर ने एमएनएस नेताओं को मनाने की कोशिश की लेकिन, कोई ठोस भरोसा हासिल करने में नाकाम रहे.
एमएनएस और शिव सेना के रुख का हो रहा विरोध
उधर, पाक कलाकारों पर एमएनएस और शिव सेना के रुख का विरोध भी शुरू हो गया है. पाकिस्तानी कलाकारों और क्रिकेटरों के भारत में परफ़ॉर्म करने की छूट देने के हिमायती लोगों का सबसे बड़ा तर्क ये है कि कला और खेल को सिसायत से अलग रखना चाहिए.
ऐसी सोच रखने वाले लोगों का कहना है जब हम एक दूसरे के संपर्क में नहीं रहेंगे तो फिर रिश्ते कैसे सुधरेंगे? लेकिन, पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद इस थ्योरी पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं.