महाराष्ट्र सरकार ने कोल्हापुर के प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर में महिलाओं को जाने की इजाजत दे दी है. आज से पहले इस मंदिर में सिर्फ़ पुरुषों को ही गर्भगृह तक जाने दिया जाता था.
सदियों पुरानी इस परंपरा को चुनौती देते हुए महिलाओं ने वीरवार को हंगामा खड़ा कर दिया. एमएनस की महिला कार्यकर्ताओं ने भी उनका साथ दिया. महिलाओं का जत्था ज़बरन महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में दाखिल हो गया.
मंदिर के पुजारियों ने ज़ोरदार विरोध किया लेकिन उनका विरोध काम नहीं आया. गर्भगृह में महालक्ष्मी की पूजा करने के बाद महिलाओं ने लड्डू का प्रसाद भी बांटा.
महिलाओं का ये आंदोलन कई दिनों से चल रहा था. उनके तेवर देखकर आख़िर राज्य सरकार को दखल देना पड़ा. राज्यमंत्री सतेज पाटील ने मंदिर के पुजारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में फ़ैसला लिया गया कि अब महिलाओं को गर्भगृह तक जाने की इजाज़त होगी.
कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर महाराष्ट्र में मौजूद मां के शक्तिपीठों में से एक हैं. मां महालक्ष्मी को तिरुपति बालाजी के भगवान वेंकटेश की दूसरी पत्नी कहा जाता है. मान्यता है कि महालक्ष्मी अपने पति भगवान वेंकटेश से रूठकर कोल्हापुर चली आई थीं. इसी वजह से तिरुपति बालाजी की यात्रा तब तक पूरी नहीं मानी जाती जब तक भक्त कोल्हापुर आकर महालक्ष्मी के दर्शन ना कर ले.