भारत ने उड़ीसा के चांदीपुर तट से परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम और 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली ‘पृथ्वी-2’ बैलिस्टिक मिसाइल का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया.
यह परीक्षण रक्षा बलों के प्रायोगिक परीक्षणों के भाग के तौर पर किया गया. आईटीआर निदेशक एसपी दास ने बताया कि सुबह करीब आठ बजकर 50 मिनट पर, स्वदेश में विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का एकीकृत परीक्षण स्थल (आईटीआर) के परिसर-3 से परीक्षण किया गया.
उन्होंने कहा कि संचालन संबंधी अभ्यास के रूप में किया गया यह परीक्षण ‘पूरी तरह सफल’ रहा. रक्षा सूत्रों ने बताया कि सैन्य बलों में पहले ही शामिल की जा चुकी कम दूरी तक मार करने वाली इस बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण एक ‘प्रायोगिक परीक्षण’ था. अपने निशाने को साधने में अत्यंत दक्ष यह मिसाइल विशेष रूप से गठित सामरिक बल कमान द्वारा संचालित की जाती है.
सूत्रों ने बताया कि इसकी लंबाई नौ मीटर और इसका व्यास एक मीटर है. यह दो इंजनों की मदद से आगे बढ़ती है और तरल ईंधन से चलती है. पृथ्वी ऐसी पहली बैलिस्टिक मिसाइल है जो देश के प्रतिष्ठित एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत विकसित की गई है और यह 500 किलोग्राम भारत तक के आयुध अपने साथ ले जा सकती है.