अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को लेकर उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध बहुत प्रभावी हैं और इस बारे में अतिरिक्त कदम उठाने के लिए वह अन्य राष्ट्रों से संपर्क करेंगे, ताकि ईरान परमाणु हथियार हासिल नहीं कर सके.
ओबामा ने भरोसा जताया कि खासतौर पर रूस और चीन परमाणु हथियार संपन्न ईरान के खतरे को समझते हैं. ओबामा ने एशिया प्रशांत आर्थिक सम्मेलन में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल का जवाब देते हुए विशेष रूप से यह नहीं कहा कि ईरान द्वारा खुद को परमाणु हथियार से लैस करने की स्थिति में वह उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बारे में विचार करेंगे.
हालांकि, उन्होंने कहा, ‘हम कोई विकल्प नहीं छोड़ेंगे. परमाणु हथियार से लैस ईरान न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि अमेरिका के लिए भी खतरा पैदा करेगा.’ गौरतलब है कि शुक्रवार को आईएईए द्वारा मुहैया की गई एक रिपोर्ट में नया सबूत पेश करते हुए दावा किया गया था कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से बम बनाने की कोशिश शामिल है.
रिपोर्ट को आईएईए के सदस्य देशों को मुहैया किया गया. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि ईरान उपकरण और हथियार डिजाइन सूचना, विस्फोटकों के परीक्षण, डेटोनेटर हासिल करने के लिए काम कर रहा है. ओबामा ने कल रूसी राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव और चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ के साथ बैठक में ईरान शासन के खिलाफ नये प्रतिबंध का समर्थन करने की मांग की.
संयुक्त राष्ट्र चार चरणों में ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगा चुका है लेकिन अभी तक उसे अपनी परमाणु नीति में बदलाव के लिए मजबूर नहीं कर सका है.