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पाक सेना और आईएसआई की आतंकियों के साथ सांठगांठ: ओबामा

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवादियों से पाकिस्तान के सैन्य तथा खुफिया संपर्क होने की बात करते हुए इस पर चिंता जताई और कहा कि अमेरिका के लिए यह परेशानी की बात है.

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राष्ट्रपति बराक ओबामा
राष्ट्रपति बराक ओबामा

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राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आतंकवादियों से पाकिस्तान के सैन्य तथा खुफिया संपर्क होने की बात करते हुए इस पर चिंता जताई और कहा कि अमेरिका के लिए यह परेशानी की बात है.

ओबामा ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को मान लेना चाहिए कि भारत के प्रति एक शांतिपूर्ण पहल सभी के हित में होगी.

 

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हक्कानी नेटवर्क का नाम लिये बिना अमेरिकी राष्ट्रपति ने आतंकवादियों को ’घृणित चरित्र’ वालों की संज्ञा दी. हक्कानी नेटवर्क के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से तार जुड़े होने

का संदेह अमेरिका जता चुका है.

उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया सेवाओं के ऐसे कुछ लोगों से संबंध है जो हमारे लिए परेशानी वाले हैं.

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ओबामा ने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि स्वतंत्र अफगानिस्तान से उसके सुरक्षा हितों को कुछ हद तक खतरा होगा क्योंकि उन्हें लगता है कि वह भारत के साथ जुड़ जाएगा और पाकिस्तान भारत को अब भी अपना घोर शत्रु मानता है. उन्होंने कहा कि हम दरअसल चाहते हैं कि पाकिस्तान मान ले कि भारत के प्रति एक शांतिपूर्ण प्रयास सभी के हित में होगा और वास्तव में पाकिस्तान को विकास में मददगार होगा.
पाकिस्तानी सेना और खुफिया सेवाओं के ‘कुछ लोगों’ से संबंध के बारे में ओबामा ने कहा कि वह यह बात सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों को भी निजी तौर पर बता चुके हैं.

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उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने इस संदर्भ में बाजी लगा दी है कि अफगानिस्तान कैसा दिखेगा और उनके दांव में कुछ घृणित किरदारों से ताल्लुकात भी शामिल हैं जिन्हें वे मानते हैं कि गठबंधन बलों के छोड़ने के बाद अफगानिस्तान में फिर से खड़ी हो रहीं ताकतों को समाप्त कर सकते हैं. आईएसआई के हक्कानी नेटवर्क से संबंध होने पर पाकिस्तान के सामने किस तरह के परिणाम होंगे, इस बारे में पूछे गये सवाल पर ओबामा ने कुछ नहीं कहा.

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उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से हमारे रिश्तों का सतत मूल्यांकन करते रहेंगे जिस पर कुल मिलाकर अमेरिकियों और हमारे हितों के संरक्षण में मदद मिले. राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने इस्लामाबाद को यह मनाने का प्रयास किया है कि स्थिर अफगानिस्तान उनके हित में है.

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आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में ओबामा का बयान ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष एडमिरल माइक मुलेन की हालिया टिप्पणी पर पूछे गये सवालों के जवाब में आया है. मुलेन ने कहा था कि हक्कानी नेटवर्क के आईएसआई से संबंध हैं. ओबामा ने कहा कि हमले अफगानिस्तान के लोगों और पाकिस्तानियों के बीच बातचीत पहले से अधिक प्रभावी तरीके से कराने की कोशिश की है. उन्होंने पाकिस्तान के सामने गरीबी, निरक्षरता, विकास की कमी और कमजोर संस्थाओं की समस्याओं पर भी रोशनी डाली.

ओबामा ने कहा कि और ऐसे माहौल में आपने देखा कि उग्रवाद पनपता है. आपने आतंकवाद बढ़ते देखा जिसने न केवल अफगानिस्तान में हमारे प्रयासों को चेतावनी दी है बल्कि पाकिस्तानी सरकार और जनता को भी चेताया है. इसलिए हम पुन: संयोजन की दिशा में काम कर रहे हैं, यह आसान नहीं है.

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उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा है कि पाकिस्तान के लोग अपने खुद के समाज और अपनी सरकार को मजबूत करें. ओबामा ने कहा कि उनका पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आतंकवादी संगठन अल-कायदा अमेरिकी जमीन पर हमला नहीं कर सके और दुनियाभर में अमेरिकी हितों को प्रभावित नहीं कर सके.

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उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में अल.कायदा के पीछे सीधे तौर पर पड़कर हमने उत्कृष्ट काम किया है. ओबामा ने कहा कि हम

पाकिस्तान सरकार के सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकते. इसलिए सभी मुद्दों में वे हमारे प्रभावी साझेदार हैं.

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