अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहली भारत यात्रा को सफल करार देते हुए दिग्गज अमेरिकी विशेषज्ञों ने कहा कि यह यात्रा भारत-अमेरिकी रिश्तों को एक नए मुकाम पर लेकर जाएगी.
कार्नीजी एनडोमेंट फार इंटरनेशनल पीस के विशेषज्ञ अश्ले टेलीस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि (ओबामा की) यात्रा सफल रही.’ अश्ले वर्ष 2008 में सीनेटर जान मैक्केन के राष्ट्रपति पद के अभियान में उनके विदेश नीति सलाहकार रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘संसद में दिया गया उनका (ओबामा) भाषण वास्तविकता और आदर्शों का बेहतरीन मिश्रण था और उन्होंने सूझबूझ के साथ इस बात को साबित किया कि वह व्यक्तिगत रूप से भारत पर ध्यान केन्द्रित किए हुए हैं और अमेरिका के लिए भारत.अमेरिकी रिश्ते बेहद महत्वपूर्ण हैं.’
एशिया प्रोग्राम व्रूडोव विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फार स्कोलर्स के निदेशक रोबर्ट एम हैथावे ने कहा, ‘शंकाएं गलत साबित हुईं. इतिहासकार इस यात्रा को परिपक्वता और एकजुटता के लिए एक मील के पत्थर के रूप में देखेंगे जिसे राष्ट्रपति ओबामा ने 21वीं सदी की निर्णायक भागीदारी बताया.’
वाशिंगटन स्थित हेरिटेज फाउंडेशन की विशेषज्ञ लीजा कर्टिस ने कहा कि भारत-अमेरिकी रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में ओबामा की यात्रा सफल रही और यह दोनों देशों के संबंधों को नए मुकाम पर लेकर जाएगी. लीजा ने कहा, ‘इस यात्रा ने उनके प्रशासन का भारत के साथ जुडाव के महत्व को स्पष्ट किया जिसमें आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को रेखांकित किया गया.’
उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक भूमिका को और बढाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं जिसमें भारतीय संगठनों पर निर्यात नियंत्रणों में ढील और अप्रसार से जुड़े संगठनों जैसे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का समर्थन शामिल है.