अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पेशकश की कि भारत और पाकिस्तान चाहें तो कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए उनका देश भूमिका निभाने को तैयार है हालांकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि भारत बातचीत से नहीं डरता लेकिन सीमा पार से आतंकवाद समाप्त होना चाहिए.
सिंह के साथ बातचीत के बाद ओबामा ने कहा कि दोनों देश भारतीय उप महाद्वीप में सभी देशों की जरूरत के मद्देनजर यह सुनिश्चित करने के कदम उठाने पर राजी हो गये हैं कि आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह न हो.
कश्मीर को लंबे समय से चला आ रहा विवाद बताते हुए ओबामा ने सिंह के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होना दोनों के हित में है.
उनहोंने कहा, ‘अमेरिका इन समस्याओं का समाधान थोप नहीं सकता. मैंने प्रधानमंत्री को संकेत दिया है कि तनाव कम करने के लिए दोनों पक्ष यदि हमारी किसी भूमिका के बारे में सोचते हैं तो हम वह निभाने को तैयार हैं. यह दोनों देशों, क्षेत्र (भारतीय उप महाद्वीप) और अमेरिका के हित में है.’
ओबामा ने कहा, ‘इसलिए मुझे उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच बातचीत होनी चाहिए लेकिन वे संभवत: उस मुद्दे विशेष (कश्मीर) पर ऐसा न कर सकें.’ भारतीय उप महाद्वीप में शांति कायम करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ईमानदार प्रयास की सराहना करते हुए ओबामा ने कहा कि वह इस बात को बखूबी समझते हैं कि दोनों देशों (भारत-पाक) के बीच बातचीत होना उनके परस्पर हित में है.