अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वित्तीय वर्ष 2011 में पाकिस्तान को 3.2 अरब डॉलर की सहायता देने का प्रस्ताव दिया है.
इस बात पर जोर देते हुए कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक अहम सहयोगी है, प्रबंधन और संसाधन के उपविदेश मंत्री जैकब ल्यू ने कहा कि इस बजट का मुख्य लक्ष्य आधारभूत संरचना में सुधार लाना होगा, ताकि सरकार लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा सके.
उन्होंने कहा, ‘‘यह इलाके में स्थिरता लाने के लिए अहम है और आतंकवाद के खिलाफ जंग के अभियान को भी यह बढ़ावा देगा. वित्त वर्ष 2011 के लिए पाकिस्तान को 3.2 अरब डॉलर की सहायता दी जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 के राजकोष में यह सहायता 1.88 अरब डॉलर है.
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के लिए इस बजट से सुरक्षा सहायता में मदद मिलेगी और नई उर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा.’’ ओबामा ने पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दिए जाने वाले कोष को भी 1.2 अरब डॉलर करने का प्रस्ताव दिया है, जो 2009 में 70 करोड़ डॉलर था.
व्हाइट हाउस ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सहायता बढ़ाने का उद्देश्य वहां आर्थिक विकास और तालिबान के खिलाफ संघर्ष की क्षमता बढ़ाना है.
ओबामा प्रशासन के एक अधिकारी ने प्रेट्र को बताया, ‘‘वर्ष 2011 के वित्तीय वर्ष बजट से अफगानिस्तान को 5.3 अरब डॉलर और पाकिस्तान को 3.3 अरब डॉलर की सहायता दी जाएगी.’’ उन्होंने कहा ‘‘2011 का बजट दोनों देशों में चल रहे अमेरिकी अभियानों में मदद करेगा. प्रशासन की रणनीति को वहां कार्यरूप में परिणत करने के लिए अफगानिस्तान में 500 और पाकिस्तान में 90 अतिरिक्त असैन्य कर्मचारियों के लिए कोष उपलब्ध कराया जाएगा.’’
अधिकारी ने बताया कि ओबामा के सहायता बढ़ाने के इस निवेदन में अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित करने और उन्हें उपकरण उपलब्ध कराने के लिए 11.6 अरब डॉलर की सहायता और पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की क्षमता निर्माण के लिए 1.5 अरब डॉलर की सहायता भी शामिल है.