scorecardresearch
 

ओबामा आए और नौकरियों का सृजन किया

ओबामा अपने तीन दिवसीय भारत यात्रा के पहले दिन (झलकियों को पढ़ें)मुंबई में उतरे, जहां अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने होटल ताज में 26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. जिसके बाद वह मणि भवन गए, जहां उन्‍होंने अपने आदर्श महात्‍मा गांधी (खबर पढ़े) को याद किया. और शाम को उन्‍होंने अमेरिका से आए उद्योगपतियों के साथ भारतीय उद्योगपतियों को संबोधित किया. अपनी यात्रा के दूसरे दिन रविवार को ओबामा दिल्‍ली पहुंचेगे.

Advertisement
X

Advertisement

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के तीन दिवसीय भारत यात्रा की शुरुआत आज यहां उर्जा, उड्डयन तथा अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों की कंपनियों के बीच 10 अरब डालर के सौदों के साथ हुई जिनसे अमेरिका में 50,000 से अधिक नौकरियों के अवसर उत्पन्न होंगे.

अमेरिका में संरक्षणवादी नीतियां अपनाए जाने के विरुद्ध दुनियाभर में उठ रहे आलोचना के स्वरों के बीच ओबामा ने तीन दिन की यात्रा के पहले दिन अमेरिकी सामानों और पूंजी के लिए भारत में प्रवेश का रास्ता आसान बनाने पर जोर दिया.

अमेरिका से भारत को निर्यात पांच साल में दुगुना करने का लक्ष्य रखते हुये ओबामा ने कहा कि इससे दोनों देशों में रोजगार के अवसर बढेंगे. उन्होंने कहा, ‘भारत वर्तमान में अमेरिका के साथ व्यापार करने वाले देशों में 12वें स्थान पर है, यह पहले स्थान पर क्यों नहीं आ सकता.’ ओबामा ऐसे समय भारत आए हैं जबकि अमेरिका में बेरोजगारी का स्तर उंचा है और हाल में मंदी से गुजरी अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत सुधरने की रफ्तार धीमी है. इन समस्याओं के बीच अमेरिकी संसद के मध्यावधि चुनाव में उनकी डेमाक्रेटिक पार्टी को हार का सामना देखना पड़ा है.

Advertisement

ओबामा ने यहां पहुंचते ही अमेरिकी कंपनियों के लिये भारत के बाजार खोलने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियां भारत में ज्यादा निवेश करना चाहती हैं.

ओबामा ने कहा कि उनके भारत की धरती पर पांव रखने से कुछ पहले ही कई दोनों देशों की कंपनियों के बीच कई महत्वपूर्ण सौदों पर सहमति बन चुकी थी.

ओबामा ने कहा कि 10 अरब डालर (44,000 करोड रुपये) के 20 से अधिक सौदों में बोइंग कंपनी दर्जनों विमान बेचेगी, जबकि जीई 100 से अधिक इलेक्ट्रिक इंजन बेचेगी. ये सौदे उनके पहुंचने से पहले पक्के हो चुके थे.{mospagebreak}

अमेरिकी राष्ट्रपति ने हालांकि भारत पर विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार और निवेश के रास्ते की अडचनें दूर करने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग इकतरफा नहीं होना चाहिये, दोनों देशों में रोजगार के अवसर बढाने का प्रयास होना चाहिये.

उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र, व्यापार प्रतिबंध तथा अन्य कुछ मुद्दों में अभी भी गंभीर चुनौतियां व्याप्त हैं. भारत अपने ढांचागत क्षेत्र में भारी निवेश कर रहा है और आर्थिक वृद्धि और उद्यमशीलता के लिये पारदर्शिता बरती जा रही है.’’ अमेरिका भारत व्यावसायिक परिषद (यूएसआईबीसी) की बैठक को संबोधित करते हुये कहा ‘‘कृषि से लेकर ढांचागत क्षेत्र में, खुदरा से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में निवेश और व्यापार प्रतिबंधों में कुछ कमी लाई जानी चाहिये. नई वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि और रोजगार उन्हीं देशों की तरफ खिंचते हैं जहां व्यापार और निवेश पर प्रतिबंध कम होते हैं.’
भारत में अमेरिकी निवेश बढाने के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये ओबामा ने कहा अगले पांच साल में अमेरिका का भारत को निर्यात दुगुना होने की संभावनायें मौजूद हैं और यह स्थिति दोनों देशों के बीच फायदे की होगी.

Advertisement

अमेरिका भारत व्यापार परिषद में प्रमुख उद्योगपतियों को संबोधित करने से पहले ओबामा दो बड़े सौदों की घोषणा के अवसर पर मौजूद थे. इनमें से एक सौदा रिलायंस पावर ने जीई से बिजली उपकरणों की खरीद के लिए तथा दूसरा विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने बोइंग से 30 नये 737 विमान खरीदने के लिए किया है.

ये सौदे उन 20 से अधिक सौदों में शामिल हैं जिनकी घोषणा राष्ट्रपति ओबामा ने बाद में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए की. इन सौदों में भारतीय सेना द्वारा जीई से विमान इंजन खरीदने की योजना भी है.

ओबामा ने कहा कि दोनों देशों ने जो कदम उठाए हैं उनसे द्विपक्षीय आर्थिक संबध और मजबूत हो सकते हैं.{mospagebreak}

उन्होंने कहा, समझौते जो जनता तथा हमारे भविष्य के लिए अतुलनीय वादों से भरे हैं. वादे नये रोजगार, उद्योग तथा नये विकास के. इन वादों का पूरा होना हम पर निर्भर करता है. फैसले जो हम करेंगे और साझीदारियों जो हम आने वाले वष्रों में करने जा रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, कोई वजह नहीं है कि भारत हमारा शीर्ष (फिलहाल 12वें स्थान पर) व्यापार भागीदार नहीं बन सके . मुझे पूरा विश्वास है कि भारत तथा अमेरिका के बीच संबंध 21वीं सदी की महत्वपूर्ण भागीदारी साबित होने जा रहें है. इस अवसर पर ओबामा ने भारत को भविष्य के उस बाजार के रूप में निरूपित किया जहां अमेरिका निवेश करना चाहता है लेकिन यह सब तटकर तथा अन्य बाधाओं को दूर करने पर निर्भर करेगा.

Advertisement

निर्यात नियमों में ढील देना डीआरडीओ तथा इसरो जैसे भारतीय संस्थानों के खिलाफ प्रौद्योगिकी प्रतिबंधों के समापन के रूप में हो सकता है.

भारत-अमेरिका व्यापार 2009-10 में 36.5 अरब डालर था. अगले पांच साल में अमेरिका का भारत को निर्यात दुगुना करने का लक्ष्य रखा गया है.

ओबामा ने कहा जैसे अमेरिकीयों ने कृषि क्षेत्र की हरित क्रांति के दौरान भारत की मदद की थी वैसे ही भारतीयों ने भी अमेरिका को बनाने में मदद की है.

बाजार को खोलने तथा लाइसेंस राज की समाप्ति की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा, आज, आपका देश दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. और बीते दो दशकों में इस देश ने जिस गति से प्रगति की है वह एक उपलब्धि है.

उन्होंने कहा, दुनिया का सबसे बड़ा मध्यम वर्ग आपके यहां है. भारत की बढ़ती वृद्धि इसे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना सकती है. ओबामा ने कहा कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि दोनों देश व्यापार में और अच्छा कर सकते है. मुझे कोई शक नहीं है कि हम और अच्छा कर सकते हैं.

Advertisement
Advertisement