प्रतिष्ठित एशिया सोसाइटी की अध्यक्ष विशाखा देसाई ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहली भारत यात्रा से भारत को विश्व में मनचाहा स्थान मिलेगा और दोनों देशों के रिश्ते नई उंचाइयों पर पहुंचेंगे.
भारत की यात्रा पर ओबामा के आने से पहले देसाई ने कहा, ‘इस बात की उम्मीदें बेहद ज्यादा हैं कि राष्ट्रपति ओबामा भारत के साथ संबंधों और उसके मनचाहे स्थान के लिए व्यक्तिगत प्रतिबद्धता दिखाएंगे.’ उन्होंने कहा कि दोनों ही तरफ रिश्तों को बेहतर बनाने की उम्मीदें हैं और भारत के लिए ऐसी उम्मीद करने के कई कारण हैं.
देसाई ने कहा, ‘ऐसा माना जाता था कि जॉर्ज डब्ल्यू बुश रिश्ते को मजबूत करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्रतिबद्ध थे. असैन्य परमाणु समझौता इसका उदाहरण है.’ उन्होंने कहा, ‘दूसरी ओर चीन के साथ संयुक्त वक्तव्य में कश्मीर मुद्दे पर दक्षिण एशिया में चीन की भूमिका पर दिए गए बयान से राष्ट्रपति ओबामा को लेकर विश्वास कम और आशंका का भाव ज्यादा बना है.’
भारतीय अमेरिकी विशाखा देसाई ने कहा कि भारतीय महसूस करते हैं कि अमेरिकी अफगानिस्तान में युद्ध लड़ने की सांस्कृतिक जटिलताओं को पूरी तरह समझ नहीं पाए और पाकिस्तान पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गए (मतलब यह कि भारतीयों से पर्याप्त सलाह नहीं ली गई).
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था जबर्दस्त तरीके से उछाल पर है (इस साल इसके नौ फीसदी रहने की उम्मीद है) और सरकार ने डॉलर की तुलना में रूपये को उठने की इजाजत दे दी है. भले ही इसका प्रभाव कपड़ा उद्योग पर गलत पड़ा हो.’’ भारतीय कंपनियां अमेरिका में निवेश कर रही हैं और सैन्य विमान और असैन्य परमाणु संयंत्र के उपकरणों सहित अमेरिकी उत्पादों को खरीदने के लिए तैयार हैं.
देसाई ने कहा कि यह सब हो सकता है लेकिन भारत के लिए इतना ही जरूरी यह है कि वह बताए कि वार्ता को मजबूत करने और रिश्तों को नयी उंचाइयों पर ले जाने के लिए क्या करना चाहिए.