जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि हत्या का आरोप लगाने के लिए वह विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मानहानि का दावा ठोकेंगे.
महबूबा ने उमर के साथ-साथ उनके पिता फारुक अब्दुल्ला और राज्य सरकार के मंत्री नसीर असलम वानी पर भी हत्या का आरोप लगाया था. खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उमर ने कहा, 'राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की नेता ने मेरे ऊपर, मेरे पिता डा. फारुक अब्दुल्ला और गृह राज्यमंत्री नसीर असलम वानी के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाए हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैं इन आरोपों का जवाब नहीं दूंगा. मेरे वकील मानहानि का नोटिस भेजकर इसका जवाब देंगे.' उन्होंने कहा, 'इससे पहले भी पीडीपी ने हमारे ऊपर आरोप लगाए थे लेकिन बाद में उसे माफी मांगनी पड़ी.' उमर ने कहा कि 30 सितम्बर को हुई नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता सईद मुहम्मद यूसुफ की मौत की न्यायिक जांच चल रही है. इसे पूरा होने दीजिए. लोगों को रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'गत सप्ताह मुझसे पार्टी के दो कार्यकर्ता मिलने आए थे और उन्होंने तीसरे कार्यकर्ता पर आरोप लगाए थे. मैंने सच्चाई जानने के लिए तीनों को बुलाया क्योंकि आरोप बेहद गम्भीर प्रकृति के थे. मैंने गृह राज्यमंत्री को उपस्थित रहने को कहा और उसके बाद तीनों को अपराध शाखा के हवाले कर दिया गया.' सईद मुहम्मद यूसुफ की पुलिस हिरासत में 30 सितम्बर को मौत हो गई.
राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच के लिए वह न्यायाधीश नामित करें. उमर ने मीडिया से आग्रह किया कि वे आरोपों के आधार पर अपनी खबरों को प्रस्तुत करें. उन्होंने कहा, आपमें से किसी को सच्चाई पता है तो कृपया उसे जांच आयोग के सामने लाएं. आरोपों को आधार बनाकर खबरें न प्रस्तुत करें.