जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर की दुनिया में अवतरित होने वाले सबसे नये राजनेता हैं और उन्होंने अपने एक ट्वीट में 21 वर्षीय युवक की ‘सेना के हाथों हत्या’ की निंदा की और दूसरे में अपने फालोवरों से पुराने बारामूला कस्बे में पत्थर मारने वालों से ‘कैसे निपटे’ इस पर सुझाव भी मांगा.
मुख्यमंत्री के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल में गर्मियों के दौरान विरोध प्रदर्शनों का सामना करने वाले उमर अब्दुल्ला इन दिनों लगातार ट्विटर पर अपने कार्यक्रम और दिन प्रतिदिन के मामलों में अपनी टिप्पणियां कर रहे हैं.
उमर का सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर के जरिये लोगों से जुड़ने का यह प्रयास पिछले साल के विरोध प्रदर्शन के बाद मुख्यधारा के कश्मीरी राजनेता के लिये काफी असाधारण माना जा रहा है. गर्मियों में हुए विरोध प्रदर्शनों को भड़काने में इंटरनेट के कार्यकर्ताओं ने कुछ हद तक भूमिका निभाई थी.
वर्ष 2010 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान कट्टरपंथी हुर्रियत नेता मसरत आलम और उनसे सहानुभूति रखने वालों ने वीडियो साझा करने वाली वेबसाइट यू ट्यूब और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक का इस्तेमाल अपने संदेश को नयी पीढ़ी के कश्मीरी लोगों तक पहुंचाने के लिये किया था.
उमर ने सेना द्वारा शुक्रवार रात को उत्तरी कश्मीरी के हंदवारा कस्बे में एक आम नागरिक को गोली मार देने पर ट्वीट किया, ‘मैं परिस्थितियों को समझने का प्रयास कर रहा हूं. इस समय प्रश्न बहुत हैं लेकिन उत्तर कम हैं.’ इससे कुछ मिनट पहले उमर ने इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया था, ‘21 वर्षीय मंजूर की सेना के हाथों गत रात मौत की क्यों कोई निंदा नहीं कर सकता.’
उमर बहुत पहले ही ट्विटर से जुड़ गये थे लेकिन उन्होंने नये साल से लगातार ट्वीट करना शुरू किया. उनके कुल 4775 फालोवर हैं जबकि वह खुद 38 लोगों को फालो करते हैं.
उमर जिन लोगों को फालो करते हैं उनमें पत्रकार, अभिनेता, व्यवसायी विजय माल्या, ‘ट्विटर मिनिस्टर’ के नाम से मशहूर राजनेता शशि थरूर को फालो करते हैं.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने ट्विटर का इस्तेमाल सोपोर में दो बहनों की अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा की गई हत्या की खबर बताने के लिये किया. वह अपने पसंदीदा खाने और ढाबे के बारे में भी बताते हैं.