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पलभर में चीख-पुकार में बदल गए मंत्रोच्चार...

वाराणसी में गंगा नदी के किनारे हर रोज की तरह मंगलवार शाम भी हो रही ‘गंगा आरती’ के दौरान श्रद्धालुओं के समवेत स्वर एक तगड़े विस्फोट के बाद अचानक से चीख-चित्कार में तब्दील हो गए.

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वाराणसी में गंगा नदी के किनारे हर रोज की तरह मंगलवार शाम भी हो रही ‘गंगा आरती’ के दौरान श्रद्धालुओं के समवेत स्वर एक तगड़े विस्फोट के बाद अचानक से चीख-चित्कार में तब्दील हो गए.

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‘गंगा आरती’ में हिस्सा ले रहे श्रद्धालुओं में कई विदेशी सैलानी भी थे. वे गंगा के घाट पर दुनिया भर में मशहूर इस आरती को देखने आए थे. आरती की समाप्ति के बाद श्रद्धालु घाट से जाने ही वाले थे कि तभी एक ताकतवर विस्फोट से समूचा इलाका थर्रा गया. विस्फोट की आवाज से लोगों में घबराहट पैदा हो गयी और वे अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे.

घटना के एक चश्मदीद के मुताबिक, ‘‘हम गंगा माई की आरती के लिए एकजुट हुए थे और जब वहां से जाने वाले थे तभी एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई पड़ी और हम अपनी जान बचाने के लिए भागे.’’

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि संभवत: बम घाट की सीढ़ियों में पड़ी दरार में रखा गया था. लेकिन पुलिस ने इस बाबत कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि बम बनाने में किन सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया था. बड़े-बड़े पत्थरों से बनायी गयी सीढ़िया विस्फोट के कारण टुकड़ों में बदल गयीं और बनायी जा रही एक दीवार धराशायी हो गयी.

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घटना के तुंरत बाद हल्की भगदड़ भी मची, जिसमें कुछ रेलिंग टूट गयी. विस्फोट के कारण घटनास्थल पर चप्पलें, पूजा-अर्चना की सामग्री, थैले और अन्य सामान इधर-उधर बिखर गए.

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