केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि प्याज की बढ़ती कीमतों पर अगले तीन हफ्तों में काबू पा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि खराब मौसम के कारण प्याज की कीमत में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है.
प्याज की बढ़ती कीमतों ने सरकार को भी डरा दिया है. केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए 15 जनवरी तक इसके निर्यात पर रोक लगा दी है. सरकार पर दबाव की वजह भी साफ है, क्योंकि सियासत का रुख बदल देने वाला प्याज 80 रुपये पर पहुंचकर खतरे की घंटी बजा रहा है.
इस बार आसमान छूती प्याज की कीमतों ने केवल गरीबों के ही नहीं, अमीरों के भी आंसू निकाल दिए हैं. बेमौसम बारिश के बाद प्याज बाजार से गायब है. छोटे शहर हों या महानगर, प्याज 50 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है.
मुसीबत फिलहाल कम होने वाली नहीं है, क्योंकि 70-80 रुपये पर खरीदारों की कमर तोड़ रहा प्याज और महंगा हो सकता है.{mospagebreak}
हैदराबादी खाने में भी लज्जत ढूंढना बेकार है. यहां तो प्याज खरीदने के लिए लंबी-लंबी कतार लग रही है. बाजार में 45 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रहा प्याज यहां 18 रुपये किलो जो मिल रहा. कीमतें बढ़ने के साथ कोलकाता के बाजारों से प्याज गायब है और जनता के पास सरकार को कोसने के अलावा कोई चारा नहीं है. थाली गरीब की हो या अमीर की, प्याज के बिना काम चलता भी नहीं.
उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए बुधवार से 15 जनवरी तक के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. आवक कमजोर पड़ने से दिल्ली एवं अन्य शहरों में इसकी कीमतें 60-70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गयीं, जो कुछ दिनों पूर्व 35-40 रुपये प्रति किलो पर थीं.