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भारतीयों को भी भाने लगी है इंटरनेट से शापिंग

घर या दफ्तर में बैठे-बैठे इंटरनेट के जरिये खरीदारी का विदेशी ‘स्टाइल’ अब भारतीयों को भी रास आने लगा है. देश में इंटरनेट शॉपिंग का अभी शिशु काल में है, पर ‘डिस्काउंट’ की उंगली पकड़ कर अब पांव पर चलने लगी है.

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घर या दफ्तर में बैठे-बैठे इंटरनेट के जरिये खरीदारी का विदेशी ‘स्टाइल’ अब भारतीयों को भी रास आने लगा है. देश में इंटरनेट शॉपिंग का अभी शिशु काल में है, पर ‘डिस्काउंट’ की उंगली पकड़ कर अब पांव पर चलने लगी है.

इस बाजार को जानने वालों का अनुमान है कि फिलहाल देश में इंटरनेट शापिंग का बाजार 15 करोड़ डालर का है, जिसके 2014 तक एक अरब डालर के पार जाने का अनुमान है.

ऑनलाइन शापिंग पोर्टल ट्रैड्स.इन चलाने वाली इबिबो वेब प्राइवेट लि. के अध्यक्ष (ई-कामर्स) राहुल सेठी कहते हैं कि बेशक आज घर बैठे-बैठे खरीददारी के कई रास्ते चलन में हैं, पर भविष्य का दौर इंटरनेट शॉपिंग का है. दुकान में शॉपिंग परिसर में जाए बिना खरीदारी यानी ऑफ रिटेल शॉपिंग की बात की जाए, तो यह बाजार 1. 2 अरब डालर का है. इसमें सबसे अधिक 70 फीसद की हिस्सेदारी टीवी शापिंग की है.

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सेठी ने कहा कि घर से ही खरीदारी में अभी टीवी शॉपिंग ज्यादा लोकप्रिय है, पर जिस तेजी से देश में इंटरनेट तथा ब्रॉडबैंड का विस्तार हो रहा है और 3जी टेलीफोनी सेवा शुरू हो चुकी है उसके मद्देनजर यह बाजार 2014 तक एक अरब डालर के आंकड़े को पार कर जाएगा.

उन्होंने कहा कि लोगों के बीच अभी टीवी शापिंग ज्यादा लोकप्रिय है. इसकी वजह यह है कि टेलीविजन की पहुंच काफी व्यापक है, पर इस माध्यम की सीमाएं हैं. ग्राहकों को वहीं उत्पाद लेना पड़ता है, जो उन्‍हें स्क्रीन पर दिखाया जाता है, पर इंटरनेट शापिंग में कोई भी व्यक्ति एक साथ सैकड़ों उत्पादों में से चयन कर सकता है. इंटरनेट के जरिये मोबाइल फोन से लेकर एलसीडी टीवी, होम थियेटर सिस्टम, डिजिटल कैमरा, कैमकार्डर, हैंडीकैम से लेकर गेमिंग कंसोल और कारें तक बेची जा रही हैं. तमाम ब्रांडों के परिधान, बैग, परफ्यूम से लेकर स्टाइलिश घड़ियां भी इंटरनेट के जरिये खरीदी जा सकती हैं. साथ ही पुस्तकें भी आज ऑनलाइन खूब बिक रही हैं.

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