आम जनता को बेलगाम महंगाई से निजात दिलाने की बजाए केंद्र सरकार अब इसके लिए महज जिम्मेदारी तय करती नजर आ रही है. सरकार ने महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया है.
सरकार ने कहा है कि महंगाई से निपटना अकेले केंद्र की जिम्मेदारी नहीं है. उसने कहा कि विपक्ष को किसी नियम विशेष पर चर्चा कराने की मांग पर अड़कर संसद की कार्यवाही बाधित करने के बजाय रचनात्मक सुझाव देने चाहिये.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘महंगाई पर स्वस्थ चर्चा होनी चाहिये. सरकार हर एक बात का जवाब देना चाहेगी, लेकिन विपक्ष सिर्फ हंगामा करना चाहता है. वह महंगाई कम करने के लिये रचनात्मक सुझाव नहीं देना चाहता.’ मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्षी दलों की मांग पर उन्होंने कहा, ‘विपक्ष को किसमें दिलचस्पी है? महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने में या मतदान के प्रावधान वाले नियम में?’
उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को मतदान के प्रावधान वाले नियमों पर जोर नहीं देना चाहिये. विपक्ष को यह समझना चाहिये कि महंगाई कम करना अकेले केंद्र की जिम्मेदारी नहीं है. कई जरूरी वस्तुएं ऐसी हैं, जिनकी कीमतों में राज्य सरकारें भी कदम उठाकर कमी ला सकती हैं.