राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चला रहे गांधीवादी अन्ना हजारे को चुनाव लड़ने की चुनौती देते हुए कहा कि देश में चुनाव किसी विचार, कार्य या योजना पर नहीं बल्कि सिर्फ जातिवाद के आधार पर होता है.
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उन्होंने कहा, ‘अन्ना हमारे अभिभावक हैं और वह खुद भी मानते हैं कि जनलोकपाल से सिर्फ 60 प्रतिशत भ्रष्टाचार ही रुक सकेगा लेकिन बाकी 40 फीसदी का क्या होगा. उसे कौन रोकेगा.’ पूर्व रेल मंत्री ने कहा, ‘क्या भरोसा कि लोकपाल बनने वाला व्यक्ति ईमानदार ही हो. उसे कौन रोकेगा. देश की नस नस में भ्रष्टाचार भरा है उसे लोकपाल के जरिये नहीं हटाया जा सकता.’
संसद की स्थायी समिति के सदस्य यादव ने कहा कि इलेक्ट्रानिक मीडिया और कारपोरेट घरानों को भी लोकपाल के दायरे में लाने पर समिति में चर्चा हुई है. यादव ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था के बारे में कहा, ‘जहां का मंत्री ही चोर साबित हो जाए वहां कानून-व्यवस्था का हाल क्या बयान करूं.’
यादव ने मांग की कि उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त ने जितने भी मंत्रियों को भ्रष्टाचार का दोषी माना है उन सबको जेल भेज देना चाहिये. राजद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह ने इस मौके पर कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव में 30 से 35 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, लेकिन उसकी यह जंग धर्मनिरपेक्ष मतों को काटने या उदारवादी सोच रखने वाली शक्तियों को कमजोर करने के लिये नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में राजद की स्थिति अच्छी है, पार्टी सिर्फ उन्हीं क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी. सिंह ने कहा कि चुनाव के बाद भाजपा इस वक्त सत्तारूढ़ बसपा से गठबंधन कर लेगी. लिहाजा राजद की कोशिश है कि इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकें. इसके लिये सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलकर योजना बनाई जा रही है.