शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर आंशिक सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका में दिखाई दिया. हालांकि यह लंबे समय तक नहीं रहा और 2 बजकर 55 मिनट पर खत्म हो गया.
दोपहर दो बजकर नौ मिनट पर यह चरम पर था. जब चंद्रमा के केंद्र की छाया पृथ्वी पर नहीं पड़ पाती है तो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों में आंशिक सूर्य ग्रहण पड़ता है.
साइंस पॉपुलराइजेशन एसोसिएशन आफ कम्यूनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) के अध्यक्ष सी. बी. देवगन ने कहा कि आंशिक सूर्य ग्रहण केवल अंटार्कटिका और दक्षिणी अक्षांश से दिखाई दिया.
साल 2011 में लगने वाले चार आंशिक सूर्यग्रहणों में शुक्रवार को पड़ा यह ग्रहण तीसरा था. इससे पहले 4 जनवरी, और एक जून को ग्रहण पड़ चुका है तथा आज के बाद 25 नवंबर 2011 को अगला सूर्य ग्रहण लगेगा.
इस ग्रहण को अनोखा कहा जा सकता है क्योंकि दक्षिण गोलार्ध में ठंड का मौसम है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रो फिजिक्स के आर. सी. कपूर ने मजाकिया लहजे में कहा कि इस ग्रहण के केवल पेंगुइन और समुद्री पक्षियों द्वारा दिखा गया.