टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन, आदर्श सोसाइटी घोटाला और राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में अनियमितता मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर विपक्ष के एकजुट होने के मद्देनजर स्थिति से निपटने के लिए गुरुवार को कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हो रही है. इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत प्रमुख कांग्रेसी नेता शामिल हो रहे हैं.
संसद के शीतकालीन सत्र में पिछले सप्ताह भ्रष्टाचार के विभिन्न मुद्दों पर उत्पन्न गतिरोध के मद्देनजर कांग्रेस के कोर ग्रुप की बैठक हो रही है. बहरहाल, टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में शीर्ष अदालत की ओर से प्रधानमंत्री पर टिप्पणी को गंभीर मामला करार देते हुए विपक्षी दलों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की स्पेक्ट्रम घोटाले पर कथित चुप्पी और कार्रवाई नहीं करने के बारे में की गयी टिप्पणी को गंभीर मामला करार देते हुए उनसे संसद में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.
विपक्ष ने उच्चतम न्यायालय की पीएमओ पर की गयी टिप्पणी का उल्लेख करते हुए इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया. मामले की जेपीसी से जांच कराने की मांग पर जोर देते हुए विपक्ष ने कहा है कि प्रधानमंत्री को उस पर तुरंत जवाब देना चाहिए क्योंकि पिछले 60 वषरे में शायद उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री और पीएमओ पर ऐसी टिप्पणी नहीं की है.{mospagebreak}
बहरहाल, टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर उत्साहित विपक्ष ने संसद में संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग को लेकर अपने अभियान को और तेज कर दिया है.
विपक्ष इस मामले में जेपीसी की जांच पर अड़ी हुई है जबकि सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर जेपीसी का कोई मतलब नहीं है और संसद की लोक लेखा समिति इस मामले में सचाई का पता लगा सकती है. विपक्ष का कहना है कि पीएसी केवल मामले की आडिट करती है जबकि जेपीसी का अधिकार क्षेत्र बड़ा है और इसके तहत भ्रष्टाचार की जांच कर प्रशासनिक सुधार पर सिफारिश की गुंजाइश होती है.
इससे पहले, संसद में गतिरोध को समाप्त करने के लिए मंगलवार को वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही थी. इस विषय पर हालांकि कांग्रेस का कहना है कि यह कहना गलत होगा कि प्रधानमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की, उन्होंने राजा का इस्तीफा लिया है. दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, ‘‘राजा मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के मद्देनजर प्रधानमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.’’