उत्तर प्रदेश में जंगलराज का आरोप लगाकर विपक्षी दलों ने डिप्टी सीएमओ वाई. एस. सचान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की सीबीआई से जांच कराने पर जोर देते हुए राज्यपाल बी. एल. जोशी से प्रदेश की मायावती सरकार को बख्रास्त करने की मांग की.
प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा तथा सूर्य प्रताप शाही की अगुवाई में भाजपा के प्रतिनिधिमंडलों ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा.
सपा ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि सुसाइड नोट से यह जाहिर है कि डाक्टर सचान ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उनका कत्ल किया गया है.
पार्टी का आरोप है कि पिछले साल अक्तूबर और इस वर्ष अप्रैल में परिवार कल्याण विभाग के दो मुख्य चिकित्साधिकारियों डाक्टर विनोद कुमार आर्या और बी. पी. सिंह की हत्या के बाद जिस तरह से प्रदेश के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दिया उसी से पता लग गया था कि यह एक ‘हाईप्रोफाइल’ मामला है.
सपा ने दोनों सीएमओ की हत्या तथा डिप्टी सीएमओ की मौत की सीबीआई से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि इस्तीफा देने वाले मंत्रियों बाबू सिंह कुशवाहा और अनंत मिश्र के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये.
ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री मायावती से तुरंत इस्तीफा लिया जाना चाहिये. अगर वह नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र नहीं देती है तो सरकार को फौरन बख्रास्त कर दिया जाए.