अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुए राहुल गांधी को कांग्रेस में बड़ी भूमिका दिए जाने पर विपक्षी दलों का कहना है कि कांग्रेस का घाटा ना बढ़े इसलिए वह जल्द चुनाव की तरफ बढ़ रही है, हालांकि पार्टी और सरकार ने इस बात का पुरजोर खंडन किया है.
इस तरह की चर्चा को इसलिए बल मिला क्योंकि समाजवादी पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने 55 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है और वरिष्ठ वाम नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि कांग्रेस समयपूर्व चुनाव करा सकती है.
वरिष्ठ माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा, ‘उनका (कांग्रेस का) घर व्यवस्थित नहीं है. वे तमाम राज्य संकट की स्थिति में हैं, जहां उनके सांसदों की संख्या ज्यादा है जैसे आंध्र प्रदेश. वह अपने घाटे में कटौती के लिए समयपूर्व चुनाव करा सकते हैं.’ सत्तारूढ़ पार्टी और सरकार ने हालांकि इस बात का खंडन करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को 2014 तक पांच वर्ष का जनादेश मिला है और यह अपना कार्यकाल पूरा करेगा.
सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि संप्रग 2 के सत्ता में आने के बाद से इस तरह की अफवाहें सदा हवा में रहीं. सरकार को पांच साल के लिए चुना गया है. लोगों ने पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया है. सरकार पांच वर्ष तक चलेगी.’
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ब्रीफिंग में कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अलवी ने इस संभावना से इंकार किया और कहा कि चुनाव निर्धारित समय पर होंगे और सरकार के लिए कोई खतरा नहीं है. उन्होंने दोहराया कि एक राजनीतिक दल के तौर पर कांग्रेस हमेशा चुनाव के लिए तैयार है.
बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने भी कहा कि राहुल के नेतृत्व में नयी टीम बनाए जाने से साफ है कि कांग्रेस समझ गयी है कि संप्रग सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. राहुल को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाए जाने पर केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का ‘कमांडर’ बताया. अलवी ने कहा कि अगला चुनाव सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने हालांकि तंज करते हुए कहा कि राहुल के लिए यह पहली जिम्मेदारी नहीं है और वह सिर्फ यही कामना करते हैं कि उत्तर प्रदेश और बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का दोहराव राष्ट्रीय स्तर पर न हो. कांग्रेस के नेताओं ने उनकी इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
राहुल गांधी ने 2012 में उत्तर प्रदेश और 2010 में बिहार के विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन कांग्रेस के लिए इन चुनावों के नतीजे निराशाजनक रहे. हुसैन अपनी टिप्पणी में उसी का जिक्र कर रहे थे.
इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘बीजेपी को अपने भीतरी कलह पर ध्यान देना चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘जहां तक कांग्रेस की बात है तो यह सवाल कि उसे कैसे चलाया जाना चाहिए और किसे चलाना चाहिए और कांग्रेस के नेता कौन हैं, सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर छोड़ दिया जाना चाहिए.’
अलवी ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि बीजेपी में प्रधानमंत्री पद के बहुत से दावेदार हैं, जो एकदूसरे के खिलाफ लड़ते हैं. बीजेपी का सत्ता में आना एक ख्वाब भर है और कुछ नहीं.
अलवी इन सवालों को टाल गए कि क्या अगले चुनाव में राहुल पार्टी के प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे. उन्होंने कहा, ‘इंतजार करते हैं.’ तिवारी ने कहा, ‘2014 में अभी समय है. एक रणनीति तैयार की गई है और इस रणनीति के कार्यान्वयन के लिए राहुल गांधी के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है. कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में और राहुल की अगुवाई में समिति के सदस्यों की पहल पर आप आने वाले डेढ़ वर्ष में बेहतर समन्वय देखेंगे.’
राहुल को बड़ी भूमिका दिए जाने का स्वागत करते हुए खुर्शीद ने कहा, ‘यह लंबे समय से पार्टी की मांग थी कि युवाओं के लिए काम कर रहे और सोनिया गांधी को सहयोग दे रहे राहुल गांधी आगे बढ़ें और पार्टी की कमान अपने हाथ में लें.’ उन्होंने कहा, ‘हमें अगले चुनाव के रूप में आने वाली इस सबसे बड़ी चुनौती और संघर्ष में सफल होना है. अब यह एकदम स्पष्ट है कि अगली लड़ाई के लिए हमारा कमांडर कौन है, यह बिलकुल स्पष्ट है कि हमें आगे कौन लेकर जाएगा.’