पेट्रोलियम पदार्थो एवं रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के विरोध में पांच जुलाई को आयोजित भारत बंद को समर्थन देने के लिए विपक्षी दल देश के विभिन्न श्रमिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों एवं छात्र एवं नौजवान संगठनों से बातचीत कर रहे हैं.
वाम और भाजपा सहित देश के करीब एक दर्जन से ज्यादा दलों ने पेट्रोल, डीजल, केरोसीन और रसोई गैस के बढ़े दामों को वापस लेने की मांग पर पांच जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का आहवान किया है.
जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा ‘बंद को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए हर पार्टी लगी है और देश के विभिन्न व्यापारी संगठनों, श्रमिक संगठनों और छात्र एवं नौजवान संगठनों का समर्थन हासिल करने के लिए उनसे बातचीत की जा रही है और हमें उम्मीद है कि वे जल्द बंद के समर्थन में आगे आयेंगी.’
यादव ने कहा, ईंधन के बढ़े दामों के बारे में संपूर्ण विपक्ष एक है. सभी दलों ने इन्हें वापस लेने की मांग की है.’ यादव ने जेपी आंदोलन और 1989 में विपक्ष की एकता के बाद मंहगाई के मुद्दे पर विपक्षी एकता को सबसे बडी कवायद बताया और कहा कि यह बंद सरकार की इस गलतफहमी को दूर कर देगा कि विपक्ष बंटा हुआ है और सरकार जो चाहे मनमानी कर सकती है.’ उन्होंने सरकार पर देश को ‘बाजार और आसमान’ के भरोसे छोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण आज देश में यह हालात पैदा हुए हैं.