स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित घोटाले की पृष्ठभूमि में दूरसंचार मंत्री ए राजा पर बढ़ते हमलों के बीच कांग्रेस ने राजा के भविष्य पर फैसला द्रमुक पर छोड़ दिया.
पार्टी प्रवक्ता जयंती नटराजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस बात पर जोर देते हैं कि अपनी मंत्रिपरिषद के बारे में फैसला करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन हम गठबंधन के धर्म को भी अपने दिमाग में रखेंगे.’’
उल्लेखनीय है कि कैग की रिपोर्ट आने और विपक्षी पार्टियों के हो-हल्ले के कारण सरकार के लिए राजा को मंत्री पद पर कायम रखना मुश्किल होता जा रहा है. कांग्रेस आमतौर पर यह कहती रही है कि गठबंधन में सहयोगी पार्टी को तय करना होता है कि उसका कौन सा नेता मंत्री पद पर रहेगा और कौन सा नहीं रहेगा.