कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र (केएनपीपी) के विरोध में 7,000 से अधिक लोगों ने अनशन किया और संकल्प जताया कि यदि सरकार इस परियोजना को वापस नहीं लेती है तो वह संघर्ष तेज करेंगे.
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गौरतलब है कि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि परमाणु संयंत्र को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए एक विशेषज्ञ समूह गठित किया जाएगा. इस प्रतिनिधिमंडल में केएनपीपी का विरोध कर रहे कार्यकर्ता भी थे.
सिंह ने मुख्यमंत्री जयललिता को एक पत्र लिख कर भारत रूस के सहयोग से तैयार हो रहे इस संयंत्र का समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए सहयोग मांगा था. इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इससे पता चलता है कि केंद्र को लोगों की सुरक्षा की चिंता नहीं है.
कुडनकुलम के इदिन्थकराई में हुए इस अनशन की अगुवाई ‘पीपुल्स मूवमेंट अगेन्स्ट न्यूक्यिर एनर्जी’ के समन्वयक एस पी उदयकुमार ने की. सिंह से मिले प्रतिनिधिमंडल में उदयकुमार भी थे.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अनशन तो परमाणु संयंत्र के खिलाफ उनके लंबे संघर्ष की सिर्फ शुरूआत है और यदि इस परियोजना को वापस नहीं लिया गया तो संघर्ष निश्चित रूप से तेज किया जाएगा.