तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने आज अन्नाद्रमुक अध्यक्ष जयललिता के संपत्ति इकट्ठी करने के आरोपों पर जवाब देते हुए अपनी संपत्ति की घोषणा की और कहा कि उनके पास चेन्नई में एक मकान तथा बैंक खाते में छह करोड़ रुपये से थोड़ी ज्यादा जमाराशि के अलावा कुछ भी नहीं है.
जयललिता ने आरोप लगाया था कि करुणानिधि ने अपने सार्वजनिक जीवन में काफी संपत्ति जुटाई है.
द्रमुक अध्यक्ष करुणानिधि ने अपनी पार्टी के मुखपत्र ‘मुरासोली’ में लिखा, ‘यह बात सच नहीं है कि मैं चेन्नई खाली हाथ आया था. मैंने यहां बसने से पहले ही कमाना शुरू कर दिया था.’ उन्होंने कहा कि जीवन के शुरूआती दिनों में अनेक तमिल फिल्मों के लिए पटकथा लेखक के तौर पर और नाटककार के तौर पर उन्होंने काफी धन कमाया था.
करुणानिधि ने लिखा है, ‘मेरे नाटक ‘मंथिरी कुमारी’ पर जब दिवंगत एनएस कृष्णन ने फिल्म बनाई थी तो उन दिनों में ही मुझे 10 हजार रुपये का भुगतान किया गया था.’ 87 वर्षीय द्रमुक नेता ने कहा कि आज वह जिस घर में रह रहे हैं उसे कई साल पहले 45 हजार रुपये में खरीदा गया था और पार्टी सहयोगियों के बार बार कहने के बावजूद मंत्री या मुख्यमंत्री के तौर पर वह कभी सरकारी आवास में नहीं रहे.{mospagebreak}
करुणानिधि ने कहा, ‘यह घर वास्तव में इतना छोटा है कि मेरे बच्चे अब खुद के खरीदे अलग अलग घरों में रहते हैं.’ उनके बेटे एमके स्टालिन प्रदेश के उप मुख्यमंत्री हैं वहीं दूसरे बेटे एमके अलागिरी केंद्रीय मंत्री हैं. मुख्यमंत्री की बेटी कनिमोझि सांसद हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 75 से ज्यादा तमिल फिल्मों के लिए स्क्रीनप्ले लिखे थे और कमाई को परोपकार के कामों में लगा दिया.
अपने दिवंगत भांजे मुरासोली मारन के समय से सन टीवी की शुरूआत और इसके विकास को याद करते हुए करुणानिधि ने कहा कि जब मुरासोली के बेटे कलानिधि मारन खुद प्रबंधन संभालना चाहते थे तो उन्हें उनका सौ करोड़ रुपये का हिस्सा मिल गया.
उन्होंने कहा, ‘कर आदि चुकाकर मेरे पास 77.50 करोड़ रुपये बचे जो मैंने अपने बेटों और बेटियों को बांट दिये. मेरे पास 10 करोड़ रुपये बचे. मैंने इसमें से पांच करोड़ रुपये ‘कलइंगर करुणानिधि ट्रस्ट’ को बनाने में दे दिये और इस राशि पर मिल रही ब्याज से गरीबों की मदद कर रहा हूं.’
मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘मेरे पास सावधि जमा के तौर पर 5.65 करोड़ रुपये और बचत बैंक खाते में 35.90 लाख रुपये हैं.’ उन्होंने कहा कि वह जिस घर में रहते हैं उसे भी दान कर चुके हैं जिसे उनके निधन के बाद अस्पताल बना दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उनके रिश्तेदारों को कभी सरकार सहायता नहीं दी गयी.