प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी के बीच पिछले नौ महीने के अंतराल में गुरुवार को पहली बार मुलाकात हुई, जिसमें समझा जाता है कि भारत ने मुंबई हमलों के सरगनाओं को सजा देने में पाकिस्तान की निष्क्रियता पर गहरी मायूसी जताई.
मनमोहन सिंह और यूसुफ रजा गिलानी की दक्षेस देशों के 16वें शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात हुई. दोनों के बीच पिछले साल जुलाई में शर्म-अल-शेख में हुई विवादास्पद मुलाकात के बाद यह पहली मुलाकात थी. अपने निर्धारित समय से लगभग 40 मिनट देर से शुरू हुई इस बैठक के पहले मनमोहन और गिलानी ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और एक-दूसरे का गर्मजोशी से अभिवादन किया.
गुरुवार की बैठक के पहले मनमोहन और गिलानी ने सम्मेलन के शुरूआती दिन, बुधवार को एक-दूसरे से दो बार हाथ मिलाया था. दोनों नेता अन्य नेताओं के आग्रह पर एक-दूसरे के साथ-साथ कुछ दूर चले भी. गुरुवार की बैठक के दौरान माना जा रहा है कि मनमोहन ने मुंबई हमलों के षडयंत्रकर्ताओं के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई संबंधी भारत की जोरदार मांग गिलानी तक पहुंचाई.
भारत ने मुंबई हमलों के बाद से वार्ता की बहाली को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से जोड़ते हुए समग्र वार्ता रोक दी थी. सूत्रों के अनुसार समझा जा रहा है कि मनमोहन ने वार्ता के दौरान मुंबई हमलों के संबंध में पाकिस्तान में हो रही जांच और मुकदमे के संबंध में ताजा जानकारी की भी मांग की. भारत के प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री एस एम कृष्णा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और विदेश सचिव निरुपमा राव शामिल हैं. {mospagebreak}
पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और विदेश सचिव सलमान बशीर के अलावा कई अन्य को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है. शर्म-अल-शेख में 16 जुलाई, 2009 को हुई दोनों प्रधानमंत्रियों के बाद की इस पहली द्विपक्षीय मुलाकात पर सभी की नजरें लगी हुई थीं. पिछली बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य ने भारत में एक विवाद पैदा कर दिया था क्योंकि इसमें बलूचिस्तान में ‘खतरे’ का संदर्भ था.
पाकिस्तान बलूचिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में भारत की भूमिका का आरोप लगाता है. वक्तव्य समग्र वार्ता को पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई से अलग करने वाला भी प्रतीत होता था. भारत ने मुंबई हमलों के बाद से समग्र वार्ता प्रक्रिया रोक दी है. माना जा रहा है कि भारतीय पक्ष ने अपना पूरा ध्यान सीमा पार आतंकवाद की ‘मुख्य’ चिंता पर दिया और इस ओर पाकिस्तान द्वारा पर्याप्त कार्रवाई न किए जाने पर अपनी अप्रसन्नता भी जाहिर की.
समझा जा रहा है कि मनमोहन ने बैठक के दौरान इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि पाकिस्तानी धरती से उपज रहे आतंकवाद को नष्ट करने के लिए पाकिस्तान ठोस कदम नहीं उठा रहा, जो ठोस वार्ता की बहाली के लिए वातावरण पैदा करने की जरूरत है. पाकिस्तान ने मुंबई हमलों के संबंध में अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन मनमोहन मुंबई हमलों के साजिशकर्ता हाफिज सईद के पाकिस्तान में खुले तौर पर घूमने को लेकर सार्वजनिक रूप से अप्रसन्नता जाहिर कर चुके हैं.
समझा जा रहा है कि मनमोहन ने गिलानी के समक्ष सईद का मुद्दा भी उठाया. दोनों नेताओं की इस महीने की शुरूआत में वाशिंगटन में परमाणु सुरक्षा सम्मेलन के इतर दो बार संक्षिप्त मुलाकात हुई थी. दोनों ही मौकों पर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और एक-दूसरे को देख कर मुस्कराए.