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2जी: मुश्किल में एचएम, एफएम और पीएम जी

2जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला कांग्रेस के लिए जी का जंजाल बन गया है. घोटाले में यूपीए की सहयोगी पार्टी डीएमके के मंत्रियों का नाम सामने आने के बाद से यूपीए सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर रही है.

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2जी स्‍पेक्‍ट्रम घोटाला कांग्रेस के लिए जी का जंजाल बन गया है. घोटाले में यूपीए की सहयोगी पार्टी डीएमके के मंत्रियों का नाम सामने आने के बाद से यूपीए सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर रही है लेकिन ए राजा और कनिमोझी के जेल जाने के बाद कांग्रेस ने सोचा कि इस मामले ने उसका पीछा छोड़ दिया.

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लेकिन वित्त मंत्रालय के एक नोट ने सारा खेल बिगाड़कर रख दिया. वित्त मंत्रालय के नोट में लिखा गया था कि अगर तत्‍कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम चाहते तो 2जी स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन घोटाला न हुआ होता. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भी स्‍वीकार किया कि उनके मंत्रलाय ने पीएमओ को ऐसा नोट भेजा था. उसके बाद सरकार के दो वरिष्‍ठ मंत्रियों पी चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी के बीच मनमुटाव और कांग्रेस के अंदर की कलह खुलकर सामने आ गई.

क्‍या है विवाद?
2जी स्‍पेक्‍ट्रम मामले को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से 15 मार्च 2011 को एक नोट तैयार किया गया था. इसमें कहा गया था कि तत्कालीन वित्त मंत्री (अब गृह मंत्री) पी. चिदंबरम चाहते तो 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी रोक सकते थे. यह नोट प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया था. इस मामले के सामने आने के बाद से विपक्ष चिदंबरम के इस्तीफे की मांग कर रहा है. जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमणयम स्वामी ने उच्चतम न्यायालय में वित्त मंत्रालय के इस नोट को सबूत के तौर पर पेश किया है और मांग की है कि अगर ए राजा दोषी हैं तो फिर चिंदबरम भी उतने ही दोषी हैं. विवाद के बाद से चिदंबरम अब तक 3 बार इस्‍तीफा देने की पेशकश कर चुके हैं.

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क्‍यों बढ़ी बात?
2जी मामले में कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह की मुख्‍य वजह वित्त मंत्रलाय का वह नोट है जिसमें कहा गया है कि अगर चिंदबरम ने जोर दिया होता तो यह घोटाला नहीं हुआ होता और सरकारी खजाने को इतनी भारी क्षति नहीं होती. चिदंबरम का कहना है कि उन्‍हें यह नोट क्‍यों नहीं दिखाया गया जबकि दूसरी ओर प्रणब मुखर्जी अपने रुख पर कायम हैं. मुखर्जी ने तो बुधवार को पीएमओ को दूसरा नोट भेजकर साफ कह दिया कि पीएमओ और कई मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद वित्त मंत्रालय ने वो नोट तैयार किया था, जिसमें 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका पर उंगली उठाई गई थी.

क्‍या हैं हालात?
2जी मामले में कांग्रेस के अंदर जारी कलह के बीच मौजूदा हालात ये हैं कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी जल्‍दी से जल्‍दी इस विवाद का समाधान चाहते हैं. इसी सिलसिले में बैठकों का दौर लगातार जारी है. मुखर्जी भी चिंदबरम को महत्‍वपूर्ण सहयोगी बता चुके हैं. हालांकि चिदंबरम बहुत ही ज्‍यादा नाराज हैं और इस्‍तीफे की पेशकश कर चुके हैं.

विपक्ष का रुख
2जी मामले पर विपक्ष गृहमंत्री पी चिदंबरम के इस्‍तीफे की लगातार मांग कर रहा है. हालांकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिदंबरम का बचाव करते हुए कहा है कि विपक्ष जल्‍दी चुनाव कराने को आतुर है इसलिए वो सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. बीजेपी ने कहा है कि मामले में चिदंबरम उतने ही दोषी हैं जितने ए राजा. बीजेपी ने तो यहां तक कहा है कि हमें सरकार को गिराने की जरूरत नहीं है बल्कि सरकार खुद अपने कर्मों से ही अपने अंजाम तक पहुंच जाएगी.

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