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संवैधानिक पद भी लोकपाल बिल के दायरे में हो: दिग्विजय

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि लोकपाल विधेयक के दायरे में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों को भी लाया जाना चाहिये.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

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कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि लोकपाल विधेयक के दायरे में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों को भी लाया जाना चाहिये.

सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि लोकपाल विधयेक के दायरे में सभी संवैधानिक पदों को लाना चाहिये.

एक प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि अन्ना हजारे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये आंदोलन करें अच्छी बात है लेकिन यदि वे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हैं तो यह ठीक बात नहीं है.

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होने आठ वर्षों तक गुजरात में लोकायुक्त की पदस्थापना तक नहीं की है.

बाबा रामदेव द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर किये जा रहे आंदोलन के संबंध में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि बाबा रामदेव ने उत्तरांचल में मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी के कार्यकाल में ही अपने विश्वविद्यालय एवं फूड पार्क के लिए भूमि ली थी और अब वह ही कांग्रेस को भ्रष्ट कह रहे हैं.

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सिंह ने कहा कि बाबा रामदेव को काले धन से नफरत है तो उन्हें दान भी नहीं लेना चाहिये और दान अगर लेते हैं तो दान पर कर अदायगी हो चुकी हो. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया को रिमोट से चलने वाला अध्यक्ष बताये जाने संबंधी सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि एक आदिवासी अनुभवी और परिपक्व नेता के बारे में झा द्वारा दिया गया बयान निंदनीय है.

उन्होंने राजधानी भोपाल में कुशाभाउ ठाकरे ट्रस्ट को करोड़ों रुपये मूल्य की दी गयी जमीन को आपराधिक कृत्य और गंभीर मामला बताते हुए कहा कि गैर पंजीकृत ट्रस्ट या सोसायटी को जमीन आवंटित नहीं की जा सकती.

सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा न केवल कुशाभउ ठाकरे ट्रस्ट बल्कि अनेक ऐसी समितियों को जमीन आवंटित की गयी है जो पंजीकृत नहीं हैं.

उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही ऐसी संस्थाओं की सूची सार्वजनिक करेंगे जिन्हें भाजपा सरकार ने जमीनें आवंटित की हैं जबकि ये संस्थाएं अस्तित्व में ही नहीं हैं.

मध्यप्रदेश की राजनीति में पुन: सक्रिय होने संबंधी सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि वे दस साल तक मुख्यमंत्री और सात साल तक प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और अब वह नये लोगों को मौका दिये जाने के पक्ष में हैं.

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