प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 16वें दक्षेस सम्मेलन में भाग लेने के लिए थिंपू पहुंच गए. सम्मेलन आज से शुरू होने वाला है. प्रधानमंत्री राजधानी से 60 किमी दूर पारो अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरे. उनकी अगवानी के लिए हवाईअड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री जिगमे वाय थिनले और भूटान में भारत के राजदूत पवन वर्मा मौजूद थे.
मनमोहन का यहां गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. आठ देशों के सम्मेलन का आज दिन में उद्घाटन किया जाएगा.
अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान मनमोहन की अपने पाकिस्तानी समकक्ष यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात की संभावना है. मनमोहन इस दौरान दूसरे सदस्य देशों के नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगे.
प्रधानमंत्री ने मंगलवार की रात को कहा था ‘परिवर्तन की बयार पूरे विश्व में फैल रही है. दक्षिण एशिया भी एकीकरण की इस परंपरा से अछूता नहीं रह सकता, भले ही वह क्षेत्रीय स्तर पर हो या वैश्विक स्तर पर.’ उन्होंने कहा था कि सम्मेलन इस क्षेत्र के देशों को यह पहचानने का मौका देगा कि हम कहां हैं, हम हमारे लोगों की विकासात्मक अपेक्षाएं पूरी करने के लिए और क्या कर सकते हैं और दक्षिण एशिया अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष्य में अपनी अधिकारपूर्ण भूमिका कैसे निभा सकता है.’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था ‘मैं दूसरे दक्षेस देशों के नेताओं के साथ मुलाकात पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा हूं.’ दक्षेस देशों के नेताओं के बीच जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर विमर्श होगा, जो सम्मेलन का केंद्र बिंदु है. दक्षेस देश सम्मेलन के बाद जलवायु परिवर्तन पर विशेष दक्षेस घोषणा भी करेंगे.
भूटान दक्षेस सम्मेलन की पहली बार मेजबानी कर रहा है. इस वर्ष स्थानीय समूह की स्थापना के 25 वर्ष हो चुके हैं. सम्मेलन के दौरान पर्यावरण और व्यापार पर दो दक्षेस अनुबंधों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. सम्मेलन में भारत के अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान के नेता शामिल हो रहे हैं.