भारत ने विश्व समुदाय को सचेत करते हुये आह्वान किया कि वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से दुनिया में संरक्षरणवादी उपायों को हावी न होने दें. आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती के चलते लोगों के आवागमन, सेवाओं और पूंजी प्रवाह में अड़चने खड़ी नहीं होने चाहिये.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुये कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सुस्ती छाने की वजह से हमें अपने चारों तरफ संरक्षणवादी उपायों और लोगों, सेवाओं और पूंजी के आवागमन में रुकावटें खड़ी करने की वजह नहीं बनने देना चाहिये.
आतंकवाद से निपटने में न हो भेदभाव: पीएम
उन्होंने कहा कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मामले में वृहत आर्थिक नीतियों में समन्वय स्थापित करने के लिये प्रभावी तौर तरीके अपनाये जाने चाहिये. प्रधानमंत्री ने इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की संचालन प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को तेजी और पूरी दक्षता के साथ आगे बढाया जाना चाहिये.
संयुक्त राष्ट्रसंघ में जल्द सुधार और विस्तार पर जोर
वैश्विक संचालन कार्यों में कमियों के मुद्दे पर मनमोहन सिंह ने कहा कि कई कार्यों के साथ यह भी एक कार्य है जिसे सामूहिक प्रयास से बेहतर किया जा सकता है. विश्व अर्थव्यवस्था के गड़बड़ाने पर चिंता व्यक्त करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका, यूरोप और जापान में मंदी के रुझान से विश्व वित्तीय और पूंजी बाजारों का विश्वास डगमगा रहा है.
आजतक LIVE TV देखने के लिए क्लिक करें
मनमोहन ने कहा कि वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में जो सुधार का रुख देखा गया था वह अभी पूरी तरह फलफूल नहीं पाया है. कई मामलों में तो स्थिति और भी गंभीर हुई है.