प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की टिप्पणी को अशोभनीय और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. आडवाणी ने संप्रग-2 सरकार को नाजायज कहा था.
प्रधानमंत्री से संसद भवन परिसर में जब संवाददाताओं ने लोकसभा में आडवाणी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछी गयी तो उन्होंने कहा, ‘टिप्पणी अशोभनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है.’
आडवाणी की टिप्पणी से निचले सदन में हंगामा हो गया और सत्ता पक्ष के कड़े प्रतिरोध के बाद भाजपा नेता को अपनी टिप्पणी वापस लेनी पड़ी.
आडवाणी ने हालांकि बाद में स्पष्टीकरण दिया कि वह 2008 में हुए विश्वास मत की बात कर रहे थे, जिसमें सरकार बचाने के लिए करोडों रूपये खर्च किये गये थे.