केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य प्रणव मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पीएसी के सामने पेश होने की पेशकश से खुल्लमखुला असहमति जताकर राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी. प्रणव ने कहा कि 2 जी स्पैक्ट्रम घोटाले में पीएसी के सामने पेश होने के बारे में प्रधानमंत्री ने ‘हमसे सलाह किए बिना’ फैसला किया.
वित्त मंत्री लोकसभा के नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री लोकसभा के प्रति जवाबदेह हैं ‘किसी समिति के प्रति नहीं.’ मुखर्जी ने यहां पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विशेष बैठक में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने पीएसी के सामने पेश होने की पेशकश का फैसला हमसे सलाह लिए बिना किया. अगर उन्होंने इस बारे में मुझसे मश्वरा किया होता तो मैं उन्हें पीएसी के सामने पेश न होने की सलाह देता.
‘पीएसी प्रमुख मुरली मनोहर जोशी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 27 दिसंबर को एक पत्र लिखकर 2 जी स्पैक्ट्रम घोटाले की जांच के सिलसिले में पीएसी के सामने पेश होने की पेशकश की थी. प्रधानमंत्री के इस पत्र पर टिप्पणी करते हुए प्रणव ने कहा, ‘संवैधानिक रूप से प्रधानमंत्री लोकसभा के प्रति जवाबदेह हैं किसी समिति के प्रति नहीं.’ विपक्ष की मांग है कि इस घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए और इस मांग को लेकर पिछले सत्र में संसद की कार्यवाही रिकार्ड समय तक बाधित रही.{mospagebreak}
संप्रग सरकार ने इस गतिरोध को दूर करने के लिए वार्ताकारों का जो दल बनाया है, प्रणव उसके प्रमुख हैं. उन्होंने भाजपा और अन्य विपक्षी दलों के साथ इस संबंध में कई बैठकें कीं, लेकिन कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई.
प्रणव ने जेपीसी के मुद्दे पर विचार के लिए विशेष सत्र की पेशकश की थी, जिसे विपक्ष ने ठुकरा दिया, जिसके बाद उन्होंने संसद को ‘तबाह’ करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष से माफी मांगने को कहा. जेपीसी की मांग को लेकर संसद का एक माह का शीतकालीन अधिवेशन ठप्प रहा.
मुखर्जी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने संसद में गतिरोध दूर करने के लिए पीएसी के समक्ष पेश होने की पेशकश की है. यह प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के बीच मतभेद की बात नहीं है.’ जब उनसे पूछा गया कि वह आगामी बजट सत्र में संसद में गतिरोध समाप्त होने की कैसे आशा करते हैं उन्होंने कहा कि वह इसे दूर करने के लिए दो बैठकें करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के प्रति आभारी हैं.
उन्होंने कहा, ‘पिछली बैठक में एक सुझाव यह आया था कि बतौर सदन के नेता मुझे प्रयास जारी रखना चाहिए ताकि जो गतिरोध बना है वह दूर हो. मैं उसका प्रयास करूंगा. मुझे उम्मीद है कि बजट सत्र सुचारू रूप से चलेगा.
‘शीतकालीन सत्र के टू जी घोटाले की भेंट चढ़ने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘जो कुछ हुआ वह महज एक विकृति है. विकृति अस्थायी होती है और सामान्य कामकाज स्थायी होता है.’