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मनमोहन 'ब्रिक्स' शिखर सम्मेलन के लिए चीन रवाना

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नयी आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहे पांच विकासशील देशों के चीन में आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये मंगलवार को रवाना हो गए.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नयी आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहे पांच विकासशील देशों के चीन में आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये मंगलवार को रवाना हो गए.

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ब्रिक्स के नाम से चर्चित इन देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता ईंधन और खाद्य सुरक्षा जैसे बड़े मुद्दों पर समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर बल देने के साथ साथ खाड़ी तथा उत्तरी अफ्रीकी देशों में उभरी नई अनिश्चितताओं से उत्पन्न स्थिति पर भी चर्चा कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री सिंह की यह विदेश यात्रा पांच दिन की है. इसमें वह आखिरी दो दिन कजाकिस्तान में होंगे. प्रस्थान के समय मनमोहन सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘आर्थिक वृद्धि के परंपरागत स्रोत अब भी दबाव में हैं और इस बीच विश्व के विभिन्न हिस्सों में हाल की घटनाओं से अनिश्चितता उभरी है.’’

सम्मेलन के विषयों के बारे में में विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) मानबीर सिंह ने सोमवार को कहा था कि लीबिया एक ‘प्रमुख मुद्दा’ है, क्योंकि यह सभी ब्रिक्स देशों को प्रभावित करता है. शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है.{mospagebreak}

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चीन के दक्षिणी तटवर्ती शहर सान्या में होने इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री सिंह की चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओं, रूस के राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव, ब्राजील के राष्ट्रपति दालिमा रोसेफ और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जुमा से मिलेंगे.

मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘वैश्विक आर्थिक तथा वित्तीय पुनरुद्धार में ब्रिक्स के योगदान के बारे में सदस्य देश के नेताओं से व्यापक बातचीत को लेकर मेरा नजरिया सकारात्मक है.’’ भारत इस सम्मेलन में वित्तीय और आर्थिक क्षेत्र में विश्व की स्थिति, मुद्रास्फति तथा विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के बारे में सदस्य देशों के साथ चर्चा करेगा एवं उनके विचारों को समझेगा. इस समय कई देश मुद्रास्फीति से प्रभावित हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगर हम अगर निरंतर संतुलित आर्थिक वृद्धि, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओंनों में सुधार तथा संतुलित व्यापार के क्षेत्र में सहयोग करते हैं, तो यह हमारे लिये लाभकारी होगा.’’

यह इन देशों का तीसरा शिखर सम्मेलन है जिसमें मनमोहन सिंह भाग ले रहे हैं. इसकी पहली बैठक 2009 में हुई थी. दक्षिण अफ्रीका पहली बार शिखर बैठक में भाग ले रहा है. दक्षिण अफ्रीका के पहली बार बैठक में भाग लेने के बारे में उन्होंने कहा कि भारत ब्रिक्स का सदस्य बनने पर दक्षिण अफ्रीका का स्वागत करता है. इससे हमारे विचार-विमर्श का दायरा बढ़ेगा.{mospagebreak}

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मनमोहन सिंह 15 अप्रैल को चीन से कजाकिस्तान जाएंगे. इस यात्रा में भारत और इस मध्य एशियायी देश के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग समेत छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है.

पहली बार कजाकि़स्तान जा रहे मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘यह क्षेत्र में भारत का प्रमुख सहयोगी देश है, जिसने हमेशा भारत के प्रति विशेष सहानुभूति और सौहार्द दिखाया है.’’

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का इस बार का विषय है- ‘व्यापक दूरदृष्टि और साझी समृद्धि’ है. प्रधानमंत्री ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि ब्रिक्स देश जी-20 और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य होने को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि इन मंचों पर एक-दूसरे के साथ काम करने का अनुभव बेहतर और सकारात्मक रहा है.

मनमोहन सिंह ने कहा कि सान्या में प्रवास के दौरान चीनी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात को लेकर उनका नजरिया सकारात्मक है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत-चीन संबंध का वैश्विक महत्व है.’’

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