मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार शाम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले और दोनों ने देश की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.
राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता वेणु राजमणि ने बताया कि यह भेंट करीब 45 मिनट तक चली. इस दौरान दोनों नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.
सरकार के पास है बहुमत
लोकसभा में 19 सदस्यों वाली तृणमूल कांग्रेस के कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार से समर्थन वापसी का पत्र देने के एक दिन बाद यह भेंट हुई है. सरकार और कांग्रेस ने कहा है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बाहर से समर्थन देने से सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 545 सदस्यीय लोकसभा में 300 से ज्यादा सांसद हैं जो सामान्य बहुमत 273 से ज्यादा है.
सिंह की मुखर्जी से भेंट खुदरा कारोबार में एफडीआई और डीजल के दाम में वृद्धि के पक्ष में प्रधानमंत्री की जोरदार वकालत के बीच भी हुई है.
सरकार के इन फैसलों का उसके सहयोगी दलों, भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले एनडीए और वामदलों ने विरोध किया है. इन फैसलों के औचित्य की व्याख्या करते हुए सिंह ने टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि यदि ऐसा नहीं किया जाता तो वित्तीय घाटा बढ़ जाता, फलस्वरूप महंगाई बढ़ती तथा आम आदमी को और परेशानियां होती.
यह भेंट तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों के हटने से मंत्रिमंडल में स्थान खाली होने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल में अटकलों के बीच भी हुई है. दूसरी बात कुछ मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालयों का प्रभार है.
एक आधिकारिक घोषणा की गयी कि केंद्रीय मंत्री सी पी जोशी को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जो पहले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल राय के पास था. मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण फेरबदल से पहले इसे अस्थायी व्यवस्था के रूप में देखा जा रहा है. राष्ट्रपति का 26 सितंबर को जम्मू कश्मीर की तीन दिवसीय यात्रा पर जाने का कार्यक्रम है.