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सब्सिडी का पैसा अकाउंट में जमा कराएगी सरकार!

सरकार ने 2014 में होने वाले चुनाव की तैयारियों से पहले आम जनता को खुश करने का मन बना लिया है. सरकार ने फैसला किया है कि वह सब्सिडी का पैसा सीधे आम जनता के बैंक अकाउंट में जमा करा दे.

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सरकार ने 2014 में होने वाले चुनाव की तैयारियों से पहले आम जनता को खुश करने का मन बना लिया है. सरकार ने फैसला किया है कि वह सब्सिडी का पैसा सीधे आम जनता के बैंक अकाउंट में जमा करा दे. हालांकि सरकार की ओर से इसे भ्रष्टाचार तथा सब्सिडी के अपव्यय को रोकने के पहल के रूप में बताया जा रहा है. इस योजना से चौथाई परिवारों को लाभ होने की उम्मीद है.

इस कार्यक्रम को समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित करने के लिये सिंह ने कुछ ढांचागत व्यवस्था की है. इसके तहत उन्होंने अपने अधीन एक समिति के गठन के साथ साथ कुछ अन्य समूह गठित किये हैं. इस योजना को आधार पहचान संख्या के आधार पर क्रियान्वित करने का विचार है.

भ्रष्‍टाचार पर लग सकेगी रोक
सरकार हर साल विभिन्न प्रकार की सब्सिडी पर 3,25,000 करोड़ रुपये खर्च करती है. नई योजना का उद्देश्य डीजल, एलपीजी समेत विभिन्न वस्तुओं पर सब्सिडी एवं पेंशन तथा स्कालरशिप जैसे अन्य लाभों को जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचने में भ्रष्टाचार, हेराफेरी और अपव्यय को पर रोक लगाना है.

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प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार, ‘भ्रष्टाचार रोकने तथा जरूरतमंदों तब सब्सिडी का लाभ पहुंचाने के लिये प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा दिया जाने वाला लाभ सीधा लाभार्थियों के बैंक खाते में डालने की योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय किया है.’

बयान में कहा गया है, ‘इसे समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिये इस दिशा में त्वरित आधार पर कदम बढ़ाया जाएगा. इसके तहत जरूरतमंदों को पैसा सीधे उनके खाते में हस्तांतरित किया जाएगा.’ योजना आयोग की इस महीने हुई बैठक में नकदी हस्तांतरण के मुद्दे पर विचार किया गया. यह योजना पायलट आधार पर छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान तथा सिक्किम में पहले से चल रही है.

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित राष्ट्रीय मंत्री स्तरीय समिति में वित्त, सूचना प्रौद्योगिकी, सामाजिक न्याय, मानव संसाधन, अल्पसंख्यक, श्रम, स्वास्थ्य, खाद्य, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, उर्वरक तथा योजना आयोग के उपाध्यक्ष शामिल हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति होगी जिसमें संबंधित मंत्रालयों के सचिव होंगे.

समिति यह सुनिश्चित करेगी कि इसका समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन हो और कोई बाधा न हो. साथ ही नकद हस्तांतरण मिशन जैसी कुड उप-समितियां होंगी जो प्रौद्योगिकी, वित्तीय तथा बैंकिंग पहलुओं को देखेगी. दूसरी उप-समिति इलेक्ट्रानिक बेनिफिट ट्रांसफर होगी जो डेटा, हस्तांतरण नियम, नियंत्रण तथा आडिट जैसे मामलों को देखेगी.

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इस योजना के लाभार्थियों में गरीब लोग शामिल होंगे. उनमें से विशिष्ट पहचान :यूआईडी: मिशन पहले ही 20 करोड़ लोगों को सूचीबद्ध कर चुका है और अगले छह महीने में इसके 60 करोड़ लोगों को शामिल करने की संभावना है.

इस कार्यक्रम में शुरू में स्कालरशिप, पेंशन तथा बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाओं को शामिल किया जाएगा. बाद में इसमें मनरेगा तथा सार्वजनिक जन-वितरण प्रणाली को भी शामिल किया जाएगा.

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