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शिक्षक के रूप में मेरा अनुभव संतोषजनक: मनमोहन

दूसरी बार देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि शिक्षक के रूप में गुजारे गए वर्ष मेरे जीवन का सबसे संतोषजनक समय रहा.

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दूसरी बार देश की बागडोर संभालने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कहना है कि शिक्षक के रूप में गुजारे गए वर्ष मेरे जीवन का सबसे संतोषजनक समय रहा.

शिक्षक दिवस से एक दिन पहले अपने आवास पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षण को हमेशा से एक ‘उत्कृष्ट कार्य’ माना जाता है.

इस मौके पर सिंह ने शिक्षक के रूप में गुजारे अपने दिनों को याद किया. उन्होंने इस मौके पर अपने बचपन की कुछ यादें भी ताजा कीं, जब उन्हें बेहद मुश्किल हालात और दुष्वारियों से दो चार होना पड़ा.

सिंह ने इससे पहले भी एक मौके पर कहा था कि वह एक साधारण परिवार में पैदा हुए और उन्हें स्कूल जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. उन्होंने कहा था कि मैंने लालटेन की मद्धम रौशनी में पढ़ाई की और आज मैं जो कुछ भी हूं, वह सिर्फ अपनी शिक्षा की वजह से हूं.

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