प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जोर देकर कहा कि उल्फा के साथ शांति वार्ता का भविष्य अच्छा है.
उन्होंने इसके साथ ही असम के विधानसभा चुनावों से पहले परेश बरूआ धड़े द्वारा कांग्रेस को जारी खतरों पर खास तवज्जो नहीं दी.
मनमोहन ने संवाददाताओं के साथ अपनी संक्षिप्त चर्चा में कहा कि सरकार और उल्फा दोनों ही शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और पूर्वोत्तर के अन्य भूमिगत संगठनों को वार्ता की मेज पर लाने के लिए प्रक्रिया जारी है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अरविंद राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा के साथ नयी दिल्ली में उनकी वार्ता की अच्छी शुरूआत रही और इसका भविष्य भी अच्छा होगा.
वार्ता का विरोध कर रहे बरूआ धड़े से कांग्रेस को मिली धमकी के सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जो इस प्रकार की धमकियां दे रहे हैं, वे भारत से बाहर हैं और यहां की जमीनी सच्चाइयों से वाकिफ नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने धमकी दी है तो संबंधित एजेंसियों द्वारा आवश्यक कदम और एहतियात बरते जाएंगे लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे उस पर अमल करेंगे.