महंगाई के मोर्चे पर आलोचनाओं का सामना कर रहे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भरोसा जताया है कि मार्च तक कीमतों में स्थिरता आ जाएगी, पर साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ कारक ऐसे हैं जो सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं.
मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद संवाददाताओं से बातचीत में महंगाई के आंकड़ों पर किसी तरह का अनुमान लगाने से बचते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं भविष्यवक्ता नहीं हूं. पर मुझे उम्मीद है कि मूल्य स्थिति नियंत्रण में आएगी. हम मार्च तक कीमतों के मोर्चे पर स्थिरता लाने में कामयाब होंगे.’
दिसंबर, 2010 में सकल मुद्रास्फीति 8.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है. उधर, एक जनवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 16.91 प्रतिशत के स्तर पर थी. आम आदमी महंगाई से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और सरकार को इसके चलते चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.
सब्जियों मसलन प्याज, टमाटर की ऊंची कीमतों की वजह से आम आदमी का रसोई का बजट गड़बड़ा गया है. खुदरा बाजार में प्याज और टमाटर 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल कीमतों में की गई वृद्धि से लोगों की परेशानी और बढ़ गई. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुछ चीजें ऐसी हैं जो हमारे नियंत्रण से बाहर हैं. इसके बावजूद मुझे भरोसा है कि हम मार्च तक मूल्य स्थिरता लाने में कामयाब होंगे.’