केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जल्द ही फेरबदल किए जाने की संभावना है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सोमवार शाम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात के बाद इस तरह के संकेत मिले.
सरकारी सूत्रों ने हालांकि मनमोहन और प्रतिभा पाटिल की बैठक को नियमित मुलाकात बताया लेकिन इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि इस सप्ताह के अंत तक संप्रग मंत्रिपरिषद में फेरबदल किया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री फेरबदल में युवाओं सहित कुछ नये चेहरों को मौका दे सकते हैं जबकि एक साथ कई मंत्रालयों का काम संभाल रहे शरद पवार और कपिल सिब्बल जैसे मंत्रियों से कुछ विभाग लिये जा सकते हैं.
पिछले सप्ताह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी सिंह ने दो बार विस्तृत चर्चा की है और समझा जाता है कि उनसे कैबिनेट विस्तार के बारे में विचार विमर्श हुआ है. मई 2009 में सत्ता में आने के बाद संप्रग-2 सरकार में मंत्रिपरिषद का यह पहला फेरबदल होगा. ऐसा अनुमान है कि मंत्रिपरिषद में बदलाव के साथ ही कांग्रेस पदाधिकारियों की टीम में भी परिवर्तन हो सकता है.
कुछ मंत्रियों को पार्टी कार्य की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. सी पी जोशी (ग्रामीण विकास मंत्री) और विलासराव देशमुख (भारी उद्योग मंत्री) को पार्टी संगठन का काम दिया जा सकता है. कांग्रेस में माना जा रहा है कि वित्त, गृह, रक्षा और विदेश मंत्रालयों जैसे महत्वपूर्ण विभागों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. वर्तमान कैबिनेट में चार राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा और मणिपुर का प्रतिनिधित्व नहीं है.
ऐसी उम्मीदें हैं कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री युवाओं सहित कुछ नए चेहरों को अपनी काबीना में शामिल कर सकते हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री पद के लिए भी एक दो वरिष्ठ और कुछ युवा नेताओं के नाम चर्चा में हैं. एक से अधिक मंत्रालय देख रहे शरद पवार और कपिल सिब्बल जैसे मंत्रियों के विभाग कम हो सकते हैं. ए राजा की जगह द्रमुक कोटे से टी आर बालू या ई वी एलनगोवन को मंत्रिपरिषद में शामिल किये जाने की अटकलें हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है.
पवार के पास कृषि के अलावा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय भी है. पवार अपना बोझ कम किये जाने की मंशा पहले ही जाहिर कर चुके हैं. सिब्बल के पास मानव संसाधन विकास के अलावा दूरसंचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय हैं. बताया जाता है कि वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय ही अपने पास रखना चाहते हैं, जिसमें उन्होंने कई सुधार कार्यक्रम शुरू किये और जिन्हें वह आगे बढाना चाहते हैं. लेकिन ऐसी संभावना है कि दूरसंचार विभाग उन्हीं के पास रहेगा. 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के परिप्रेक्ष्य में राजा के इस्तीफे के बाद यह मंत्रालय सिब्बल को दिया गया था. इसके अलावा ए राजा, पृथ्वीराज चव्हाण और शशि थरूर के इस्तीफों से रिक्त हुए स्थानों को भी भरना है.