प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राष्ट्र के नाम संदेश की तुलना विदेशी कंपनी के कारोबारी प्रमुख के संबोधन से करते हुए बीजेपी ने कहा कि डीजल की बढ़ी कीमत और रसोई गैस सिलेंडर की राशनिंग को वापस लेने की बजाए प्रधानमंत्री ने इसे जायज ठहराने का प्रयास किया.
प्रधानमंत्री के संदेश को निराशाजनक और हतोत्साहित करने वाला बताते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि सरकार को घाटा घोटालों से है, गरीबों को दी जा रही सब्सिडी से नहीं.
भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश को आर्थिक उदारवाद नहीं, बल्कि उधारवाद का संदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा, ‘देश के चौराहों, चौपालों, खेतों और खलिहानों में विदेशी पूंजी निवेश के खिलाफ चल रही हवा को बदलने के लिए प्रधानमंत्री ने ‘डॉलरी डायलॉग’ का सहारा लिया.’ उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने देश को गुमराह किया है और हड़बड़ी में चौतरफा गड़बडी भी की है.
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘लोग प्रधानमंत्री से राहत की उम्मीद कर रहे थे और आशा कर रहे थे कि डीजल की बढ़ी कीमत और रसोई गैस की राशनिंग के फैसले को वापस लिया जायेगा. लेकिन प्रधानमंत्री ने केवल इसे जायज ठहराने का ही प्रयास किया.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आर्थिक संकट की मुख्य वजह भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के विषय पर कुछ नहीं कहा. अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री को रोजगार सृजन के बारे में ठोस बातें बतानी चाहिए थी, लेकिन उनका जोर केवल विदेशी किराना कंपनियों पर रहा.
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री को गरीबों को दी जाने वाली 1.40 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी की याद तो रही, लेकिन 1.86 लाख करोड़, 1.76 लाख करोड़ रुपये और 90 हजार करोड़ रुपये की लूट और घोटालों की याद नहीं आई.
भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि जनता हकीकत जान गई है और उसे झांसे में अब नहीं रखा जा सकता. ‘हवा से हार जायेंगे, हवा को मोड़ने वाले. ये खुद टूटे पड़े है, डॉलरों पर डोलने वाले.’ उन्होंने कहा, ‘सरकार को घाटा घोटालों से है, गरीबों को दी जाने वाली सब्सिडी से नहीं. प्रधानमंत्री के संदेश से सरकार की परेशानी और बढेगी.’