प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मीडिया के सामने की गयी टिप्पणियों को घोटालों पर ‘पर्दा डालने’ की कोशिश करार दिया. भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री की बातों और उनकी तथाकथित ‘असहाय’ स्थिति से यह जाहिर हो जाता है कि केंद्र सरकार में ‘गठबंधन धर्म की मजबूरी’ के नाम पर ‘भ्रष्टाचार का अधर्म’ हो रहा है.
समाचार चैनलों के संपादकों-संवाददाताओं से प्रधानमंत्री की बातचीत के तुरंत बाद भाजपा अध्यक्ष नीतिन गडकरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रधानमंत्री के बयानों से देश को निराशा हुई है. इससे जाहिर होता है कि वे सरकार में कितने ‘असहाय’ हैं. लेकिन गठबंधन धर्म की मजबूरी के नाम पर वह भ्रष्टाचार को समर्थन नहीं दे सकते. गठबंधन धर्म के नाम पर भ्रष्टाचार का अधर्म नहीं चलेगा.’
उन्होंने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री से जानना चाहता है कि द्रमुक नेता ए राजा के प्रभार में रहे दूरसंचार मंत्रालय द्वारा 2-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले को छोड़कर इसरो के हालिया स्पेक्ट्रम आवंटन विवाद, राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार और आदर्श आवासीय सोसायटी घोटाले को नहीं रोक पाने में ‘गठबंधन की कौन सी मजबूरी रही.’
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘हर छह महीने में देश में चुनाव नहीं होने देने के लिये गठबंधन धर्म की मजबूरी का हवाला देने के ये मायने नहीं हैं कि देश को लूटने की सरकार को इजाजत मिल गयी है.’
गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान हास्यास्पद है कि 2-जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस के लिये ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की नीति का कैसे कार्यान्वयन किया गया, इस बारे में उनके साथ कभी चर्चा ही नहीं हुई.