विश्व चैंपियन पहलवान सुशील कुमार ने पदमश्री पुरस्कार से नवाजे जाने की घोषणा पर खुशी व्यक्त करते हुए आज यहां कहा कि यह उनके पुरस्कार ही नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है जो उसे अगले साल लंदन ओलम्पिक खेलों में देश के लिये स्वर्ण पदक जीत कर निभानी होगी.
सुशील ने पदमश्री पुरस्कार पाने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘देश ने मुझे नयी जिम्मेदारी सौंपी है और मै इसे अपनी आखिरी सांस तक निभाने का प्रयास करूंगा.’ यह पूछने पर कि हाल के समय में पहले ओलम्पिक पदक फिर विश्व चैम्पियनशिप और अपने ही देश में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा अनेक पुरस्कारों के बीच पदमश्री पुरस्कार का क्या महत्व है, उन्होंने कहा ‘इस पुरस्कार से मुझे लंदन में अगले साल होने जा रहे ओलम्पिक खेलों में और बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी.’ यह पूछने पर कि दो सप्ताह बाद होने जा रही शादी को देखते हुए क्या यह मानें कि पत्नी उनके लिये भाग्य लेकर आ रही है, सुशील ने मुस्कराते हुए कहा ‘पत्नी का भाग्य तो साथ में जुड़ ही गया है.’
सुशील कुमार का नाम उस समय सुखिर्यों में आया जब उसने 2008 बीजिंग ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक जीता जो उसने 1952 के केडी जाधव के बाद 56 साल के बाद जीता था. सुशील पिछले साल मास्को विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे उन्होंने दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी सोने का तमगा हासिल किया था. {mospagebreak}
सुशील इससे पहले अर्जुन पुरस्कार और देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित हो चुके हैं. सुशील कुमार के कोच महाबली सतपाल विश्व कुश्ती महासंघ से वर्ष के सर्वश्रेष्ठ कोच घोषित किये गये यशवीर सिंह और छत्रसाल स्टेडियम के कोच रामफल ने भी उनके अखाडे के पहलवान को पदमश्री मिलने पर बधाई दी है.
महाबली सतपाल ने कहा, ‘यह पुरस्कार सुशील के लिये टानिक का काम करेगा जो अगले साल लंदन में होने जा रहे लंदन ओलम्पिक की तैयारियों के लिये बहुत जरूरी था.’ दिल्ली कुश्ती संघ के अध्यक्ष खलीफा जसराम और भारतीय कुश्ती महासंघ ने भी सुशील कुमार को बधाई भेजी थे.
जसराम सिंह ने कहा, ‘दिल्ली कुश्ती जगत के लिये यह बहुत की गौरव की बात है कि दिल्ली के पहलवानों को पुरस्कारों से नवाजा जा रहा है. इससे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटे में पहलवानों को बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलेगी.’