पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने सबसे तरजीही देश के मुद्दे से अपनी सरकार के पीछे नहीं हटने के दावा करते हुए कहा है कि भारत के साथ वार्ता में पाकिस्तानी सेना एक ‘भागीदार’ है और वह द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारने का समर्थन करती है.
हिना ने यह बयान इस सवाल के जवाब में दिया कि भारत के साथ वार्ता और उसे सबसे तरजीही देश का दर्जा दिए जाने के कदम पर सेना को विश्वास में लिया गया था. उन्होंने कहा, ‘भारत के साथ वार्ता की प्रक्रिया में सेना एक ‘भागीदार’ है. भारत के साथ वार्ता में पाकिस्तान की सेना एवं दूसरे सभी राष्ट्रीय संस्थानों को विश्वास में लिया गया है और इस प्रक्रिया का पूरा समर्थन करते हैं.’
कश्मीर मुद्दे का हवाला देते हुए हिना ने कहा कि पाकिस्तान इस पर भारत के साथ परिणामोन्मुखी संवाद की उम्मीद करता है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ वार्ता प्रक्रिया में पाकिस्तान ने उम्मीद से बढ़कर हासिल किया है. हिना ने कहा, ‘हमारी विदेश नीति का प्रमुख बिंदु यह है कि पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंध विकसित किया जाए. हम उकसाने और प्रतिक्रिया वाली नीति पर यकीन नहीं करते.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी कैबिनेट ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को सामान्य बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और सबसे तरजीही देश का दर्जा इस पूरी प्रक्रिया का एक अंग है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने दावा किया कि भारत को सबसे तरजीही देश का दर्जा देने के मुद्दे से पाकिस्तान पीछे नहीं हटा है.
उन्होंने कहा, ‘मीडिया में यह संदेश गया है कि पाकिस्तान ने सबसे तरजीही देश के मुद्दे पर फैसला कर लिया था और फिर इससे पीछे हट गया. यह पूरी तरह गलत है. मैं आपसे कहना चाहती हूं कि हम इस मुद्दे को लेकर अपने रुख पर अडिग हैं.’