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सियाचिन, सर क्रीक पर प्रगति चाहता है पाकिस्तान: हिना रब्बानी

पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार का कहना है कि उन्होंने भारत को इस बात से अवगत करा दिया है कि उनका देश सियाचिन और सर क्रीक मुद्दों पर प्रगति देखना चाहता है.

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हिना रब्बानी खार
हिना रब्बानी खार

पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार का कहना है कि उन्होंने भारत को इस बात से अवगत करा दिया है कि उनका देश सियाचिन और सर क्रीक मुद्दों पर प्रगति देखना चाहता है. उन्होंने कहा कि ये मुद्दे ‘हल करने योग्य’ हैं. हिना ने नेशनल असंबली में यह टिप्पणी की.

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उन्होंने अपने भारत दौरे के समय एस एम कृष्णा के साथ बातचीत के बारे में पाकिस्तानी संसद को जानकारी दी. पाकिस्तानी विदेश मंत्री के मुताबिक उन्होंने सियाचिन और सर क्रीक के बारे में पाकिस्तान के रुख से भारत को अवगत करा दिया. हिना ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ ‘निर्बाध’ बातचीत चाहता है.

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसा रचनात्मक माहौल चाहते है, जहां दोनों देश मुख्य मुद्दों पर बातचीत कर सकें और उनके समाधान की दिशा में आगे बढ़ सकें.’ उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच स्पष्ट, रचनात्मक, सौहार्दपूर्ण और सार्थक बातचीत हुई. इस दौरान दोनों देश सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समधान के लिए बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए.

हिना ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की ओर से मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का एक निमंत्रण पत्र भी दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने बताया, ‘सिंह ने कहा कि वह दोनों देशों के रिश्ते में नयी ताजगी देखना चाहते हैं.

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उन्होंने यह भी कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ते चाहता है और सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के पक्ष में है.’ हिना ने कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसी देशों से अच्छे रिश्ते चाहता है. उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान जैसे देशों के साथ पाकिस्तान विश्वास कायम करने का इच्छुक है.

सर क्रीक सीमा से जुड़े विवाद को निपटाने की दिशा में दोनों देशों ने खासी प्रगति हासिल की थी, लेकिन इसी साल पाकिस्तान ने अपना पारंपरिक रुख बदल लिया. दोनों देश सियाचिन मुद्दे को हल करने की दिशा में कोई प्रगति हासिल करने में विफल रहे हैं.

संसद में अपने संबोधन के दौरान हिना ने कहा कि भारत के साथ विदेश मंत्री स्तर की वार्ता से पहले प्रधानमंत्री गिलानी ने पाकिस्तान के पूरे राजनीतिक नेतृत्व को भरोसे में लिया था. उन्होंने कहा कि इससे यह संदेश गया कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत चाहता है.

दिल्ली में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक के साथ अपनी मुलाकात के बारे में हिना ने कहा कि उन्होंने उन नेताओं से स्पष्ट कर दिया कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान अपने राजनीतिक और वैधानिक रुख पर कायम है.

हिना ने कहा कि बातचीत के दौरान भारत को सूचित किया गया है कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का हल कश्मीरियों की ‘भावनाओं’ के मुताबिक शांतिपूर्ण ढंग से हल करने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि कश्मीर पर भारत-पाकिस्तान वार्ता के दौरान हुर्रियत कांफ्रेंस को भी इससे जोड़ने के बारे में गंभीरता से विचार किया चाहिए.

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पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा के दोनों ओर यात्रा एवं व्यापार को बढ़ाने पर सहमति जताई है. हिना ने कहा कि भारत के साथ वार्ता के दौरान पानी का मुद्दा भी उठाया गया और इस बात पर जोर दिया गया कि दोनों देशों को सिंधु जल संधि का सम्मान करना चाहिए.
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