अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट का कहना है कि पाकिस्तान में ढेर सारे उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं जिन्हें पांच समूहों में बांटा जा सकता है और उनमें से एक विशेष रूप से भारत एवं कश्मीर पर लक्षित है.
स्वतंत्र कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस ने अमेरिकी सांसदों को पेश अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में और पाकिस्तानी सरजमीन से संचालन करने वाले उग्रवादी पांच किस्म के हैं: विश्व केन्द्रित उग्रवादी, अफगानिस्तान केन्दित उग्रवादी, भारत और कश्मीर केन्द्रित उग्रवादी, जातिवादी उग्रवादी और देश केन्द्रित उग्रवादी.
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) की रिपोर्ट के अनुसार भारत एवं कश्मीर केन्द्रित उग्रवादी विशेषकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हरकत-उल-मुजाहिदीन पंजाब एवं पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सरगर्म है. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की घनी आबादी वाले प्रांत पंजाब में ढेर सारे उग्रवादी समूह सक्रिय हैं जिनके वैविश्वक एवं क्षेत्रीय आकांक्षाए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार शायद इनमें सर्वाधिक उल्लेखनीय लश्कर-ए-तैयबा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से लंबे अरसे से रिश्ता रखने वाले लश्कर को अमेरिका ने एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है. इसपर 2008 के मुंबई हमले का आरोप है जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी.
अफगानिस्तान केंद्रित उग्रवादियों में क्वेटा और कराची से संचालन करने वाला अफगान तालिबान नेता मुल्ला उमर का क्वेटा शूरा शामिल है. इस समूह में उत्तर वजीरिस्तान में सरगर्म जलालुद्दीन हक्कानी और उसके बेटे का संगठन और बजौर कबायली एजेंसी एवं दिर जिले से संचालन कर रही गुलबुद्दीन हिकमतयार नीत हिज्ब-ए-इस्लामी पार्टी शामिल है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि संप्रदाय आधरित उग्रवादी खास तौर पर शिया विरोधी सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान और उससे बने लश्कर-ए-झंगवी मुख्य रूप से पंजाब से अपना संचालन करते हैं. रिपोर्ट के अनुसार लश्कर का अलकायदा से गहरा रिश्ता है.
सीआरएस रिपोर्ट के अनुसार देश केन्द्रित उग्रवादी समूह में पश्तून उग्रवादी हैं. पश्तून उग्रवादी 2007 में बैतुल्ला मेहसूद के नेतृत्व में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नाम से एकीकृत हुए. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान में सात फाटा एजेंसियों के एक-एक प्रतिनिधि शामिल हुए. बाद में मौलाना सूफी मोहम्मद के नेतृत्व वाले तहरीक-ए-नफाज-ए-शरीयत-ए-मोहम्मदी को शामिल कर दिया गया जो उत्तरपश्चिम मलाकंद और स्वात जिलों में सक्रिय है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर वजीरिस्तान कबायली एजेंसी में अल कायदा और तालिबान से जुड़ा हक्कानी नेटवर्क सक्रिय है. यहां हाफिज गुल बहादुर का टीटीपी भी सक्रिय है. यह अभी अफगान और पाकिस्तान केन्द्रित उग्रवादियों का पनाहगाह है.
अमेरिका उत्तर वजीरिस्तान को उग्रवादियों का आखिरी पनाहगाह मानता है. पाकिस्तानी अधिकारी वहां उग्रवाद निरोधी अभियान चलाने का अमेरिकी आग्रह पर यह कह कर टाल रहे हैं कि उन्हें उन इलाकों को सुदृढ़ करना है जिस पर उनका ताजा नियंत्रण हुआ है.