पाकिस्तान ने मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता और जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद को भारत को निशाना बनाते हुए भड़काऊ भाषण देने से रोकने से एक तरह से इनकार कर दिया है.
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार रात यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकतंत्र में, भारत की तरह पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. यहां सभी तरह के लोग हैं जो सभी तरह की भाषणबाजी करते हैं. भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में अतिवादी विचारों वाले लोग हैं और इसमें आप कुछ नहीं कर सकते. पाकिस्तान में जो विचार व्यक्त किए जाते हैं मैं उनके बारे में कुछ नहीं कर सकता.’’
हालांकि उन्होंने कहा कि ‘‘सकारात्मक’’ बात यह है कि अतिवादी तत्वों द्वारा व्यक्त विचार न तो भारत में और न ही पाकिस्तान में बहुसंख्यक विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा ‘‘बहुसंख्यक लोग नफरत फैलाने वाले भाषणों से सहमति नहीं रखते. वे सामान्य हालात चाहते हैं, वे शांति चाहते हैं, विकास चाहते हैं और तरक्की चाहते हैं.’’{mospagebreak}यह पूछे जाने पर कि क्या भूटान में दक्षेस शिखर बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा पाक प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के बीच हुई मुलाकात के बाद हालात में कुछ सुधार हुआ है , कुरैशी ने कहा ‘‘मुझे लगता है कि प्रगति हुई है.’’
कुरैशी ने कहा कि भारतीय विदेश सचिव निरूपमा राव ने पाकिस्तान की यात्रा की और अपने पाकिस्तानी समकक्ष से मिलीं. भारतीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम पाकिस्तान आए और अपने पाकिस्तानी समकक्ष से ‘‘ठोस वार्ता’’ की. मैं इसे प्रगति मानता हूं.’’ उन्होंने इस संदर्भ में चिदम्बरम के साथ हुई अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया.