पाकिस्तान ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार करने के लिए ब्रिटेन से सहयोग मांगा है. पाकिस्तान ने लंदन में अपने उच्चायुक्त की मदद से पाकिस्तानी अदालत की ओर से जारी वारंट को ब्रिटेन के गृह मंत्रालय को भेज दिया है.
उच्चायुक्त वाजिद शमसुल हसन ने कहा कि इस्लामाबाद की संघीय जांच एंजेंसी (एफआईए) की ओर से भेजा गया वारंट उच्चायोग को बुधवार को मिला. उसे कार्यान्वयन के लिए ब्रिटेन के गृहमंत्रालय को भेज दिया गया है.
रावलपिंडी स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या से संबंधित मामले की आखिरी सुनवायी में एफआईए को आदेश दिया था कि वह मुशर्रफ के खिलाफ जारी गिरफ्तारी के वारंट को लागू करे और उन्हें 19 मार्च को न्यायधीश के सामने पेश करे.
वर्ष 2008 में राष्ट्रपति का पद छोड़ने वाले 67 वर्षीय मुशर्रफ आत्म-निर्वासन में लंदन में रह रहे हैं. उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करने वाली अदालत ने उन्हें फरार घोषित कर दिया है. अदालत ने भुट्टो की हत्या के मामले में उनका सहयोग सुनिश्चित करने के लिए उनके खिलाफ तीन बार वारंट जारी किए हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि मुर्शरफ फिलहाल दुबई में हैं. पूर्व सैन्य शासक के सहयोगियों का कहना है कि उनका अदालत की कार्यवाही का सामना करने के लिए पाकिस्तान जाने का कोई इरादा नहीं है. एफआईए अधिकारियों का कहना है कि मुशर्रफ ने बार-बार भुट्टो की हत्या के मामले में सहयोग से इनकार किया है.