भारत-पाकिस्तान के विदेश सचिवों की वार्ता से एक दिन पहले भारत ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद से निपटने के लिए और कार्रवाई करने की जरूरत है. उन्होंने यह संकेत भी दिया कि इस मामले में प्रगति के मुद्दे से वार्ता प्रक्रिया बाधित नहीं हुई है.
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने ताजिकिस्तान से लौटते वक्त विशेष विमान में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुराने समय की कड़वाहट अब (भारत और पाकिस्तान के बीच) नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर और अधिक कार्रवाई करने की जरूरत है. लेकिन आतंकवाद पर प्रगति के मुद्दे से वार्ता प्रक्रिया बाधित नहीं हुई है.’
कृष्णा का बयान विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी की कल नयी दिल्ली में होने वाली मुलाकात से पहले आया है.
जाबीउद्दीन उर्फ अबू जंदल की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में मुलाकात होने जा रही है. जंदल ने खुलासा किया है कि वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के साथ 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान पाकिस्तान में नियंत्रण कक्ष में मौजूद था.
रिपोर्ट सीएमएम के 21 जून के आदेश के अनुसार दाखिल की गई है जिसमें पुणे एटीएस को स्पष्ट करने को कहा गया था कि क्यों सिद्दीक को उसे हिरासत में सौंपने के चार हफ्ते के भीतर उसके समक्ष पेश नहीं किया गया और उसे क्यों जेल में रखा गया.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सिद्दीकी को दो मई को पुणे ले जाया गया था और स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किए जाने के बाद औपचारिक तौर पर तीन मई को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद उसे 11 मई तक पुलिस हिरासत में सौंप दिया गया था. उसकी हिरासत उसके बाद बढ़ाकर 21 मई तक कर दी गई थी और उसके बाद 28 मई तक उसकी हिरासत बढ़ा दी गई थी.
पुणे एटीएस रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएमएम अदालत और तिहाड़ जेल अधिकारियों को फैक्स के जरिए पत्र भेजकर पुणे में सभी कार्यवाही की जानकारी दी गई थी.