पाकिस्तान के कराची स्थित मेहरान नौसेना ठिकाने पर हमला करने के बाद तालिबान ने एक बार फिर संकल्प किया है कि वह पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ और ज्यादा ‘हाई-प्रोफाइल’ हमलों को अंजाम देगा.
तालिबान का कहना है कि उसका मुख्य लक्ष्य पाकिस्तानी अधिकारियों को इस बात के लिए मजबूर करना है कि वे अमेरिका के साथ अपने संबंधों को खत्म करें.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के नेता मौलाना फकीर मोहम्मद ने कहा कि उनका संगठन अपनी रणनीति में बदलाव लाया है. पहले जहां यह मुख्य रूप से अफगानिस्तान में चल रहे युद्ध पर केंद्रित थी वहीं अब इसका प्रमुख लक्ष्य पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ बड़े स्तर के हमलों को अंजाम देना और खबर पख्तूनख्वा प्रांत के दीर क्षेत्र स्थित सीमा नाकों पर हमला करना है.
द न्यूज अखबार से बातचीत में मोहम्मद ने कहा कि खबर पख्तूनख्वा प्रांत और देश (पाकिस्तान) के अन्य हिस्सों में आतंकवादियों द्वारा निजी तौर पर हमले किए जाते रहेंगे लेकिन सबसे ज्यादा जोर इस बात पर होगा कि सरकार और सेना के खिलाफ बड़े स्तर के हमलों को अंजाम दिया जाए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान कमांडर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लड़ाई के लिये प्रतिबद्ध है. ऐसा पहली बार है जब टीटीपी के किसी कमांडर ने समूह की नई रणनीतियों के उपर बात की है.
मोहम्मद ने कहा, ‘सैन्य प्रतिष्ठानों पर बड़े हमले करने की हमारी रणनीति का लक्ष्य सुरक्षा बलों को नष्ट करना और सरकार को थकाना था. हम आम नागरिकों की जान-माल की क्षति को भी कम करना चाहते थे. हमारा सबसे महत्वपूर्ण ध्येय सरकार को इस बात के लिए मजबूर करना है कि वह अमेरिका के साथ अपने संबंधों को खत्म करे.’