भ्रष्टाचार और नकारापन के आरोपों से घिरी सरकार की छवि को चमकाने के प्रयासों के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने बुधवार को कैबिनेट को भंग कर दिया. गिलानी द्वारा अब छोटे मंत्रिमंडल का गठन किए जाने की संभावना है.
दोपहर बाद गिलानी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने अपने इस्तीफे सौंपे. इसके बाद प्रधानमंत्री ने सरकारी पाक टेलीविजन पर अपने संबोधन में कैबिनेट को भंग किए जाने की घोषणा की. पिछले साल ऐतिहासिक संवैधानिक सुधार पैकेज विधेयक को पारित किए जाने के बाद उसके प्रावधानों के अनुसार कैबिनेट का आकार छोटा करने की जरूरत थी.
सत्तारूढ़ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने पिछले सप्ताह गिलानी को अपने जंबो कैबिनेट को भंग करने और छोटे मंत्रिमंडल के गठन के लिए अधिकृत किया था. विपक्ष तथा अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं की ओर से राजनीतिक सुधारों की मांग के बीच यह कदम उठाया गया है. पीपीपी ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने गिलानी को एक ऐसे छोटे कैबिनेट का गठन करने को अधिकृत किया था जिसमें कम और ऐसे मंत्री हों जिनकी ‘वफादारी, योग्यता तथा प्रभावशीलता बेजोड़ हो.’
पीपीपी को मुख्य विपक्षी पार्टी एमएमएल एन तथा अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे पश्चिमी दानदाताओं की ओर से संघीय कैनिबेट का आकार कम करने का दबाव झेलना पड़ रहा था. ये पक्ष सरकार के खर्चे में भारी कटौती किए जाने का भी दबाव बना रहे थे. साथ ही दोनों अमेरिका और आईएमएफ ने कर प्रणाली में सुधार पेश करने समेत व्यापक पैमाने पर आर्थिक सुधारों को लागू करने को भी कहा था.
दानदाताओं ने कथित भ्रष्टाचार और धन के दुरूपयोग पर चिंता जाहिर की थी. अपने संबोधन में गिलानी ने अपने कैबिनेट के सदस्यों का उनके समर्थन के लिए आभार जताया. हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि नए कैबिनेट का गठन कब किया जाएगा. विश्लेषकों का कहना है कि पीपीपी को नए और छोटे कैबिनेट में अपने सहयोगी दलों को समायोजित करने के सौदे में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
निवर्तमान कैबिनेट में 52 सदस्य हैं तथा गिलानी द्वारा 20 से अधिक मंत्रियों के साथ नयी टीम का गठन किए जाने की संभावना है. पीपीपी की केन्द्रीय कार्यकारिणी की चार फरवरी को हुई बैठक में पार्टी प्रमुख तथा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने गिलानी को अपनी सुविधानुसार कैबिनेट को भंग करने के लिए अधिकृत किया था.